चाणक्य नीति

चाणक्य नीति

किसी भी काम की शुरुआत से पहले अपने आप से तीन सवाल जरूर करें  1- मैं यह काम क्यों कर रहा हूं? 2. इस काम के परिणाम क्या हो सकते हैं? 3. क्या मैं इस काम में कामयाब हो पाऊंगा?  इन तीनों सवालों का जवाब मिलते ही मनुष्य को आगे कदम बढ़ा देने चाहिए .

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हमें हमेशा दूसरों की गलतियों से सीखना चाहिए, अगर हम खुद पर प्रयोग करके अपनी गलतियों से सीखेंगे तो इसके लिए उम्र कम पड़ जाएगी.

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कुछ लोग इतने आलसी होते हैं कि वह वर्तमान परिस्थिति को बदलने की बजाय उस परिस्थिति को अपना भाग्य मानकर जीवन जीते रहते हैं लेकिन उन्नति पाने की लालसा रखने वाला व्यक्ति कभी ठहरता नहीं है वह हर स्तर से आगे बढ़ने का प्रयास करता रहता है और कामयाबी के लिए अपने जीवन में सब कुछ दांव पर लगाने से डरता नहीं

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मनुष्य को जीवन में मिली हार को भुलाकर आगे बढ़ने पर ध्यान देना चाहिए. पीछे का सोचकर हम वर्तमान को भी खराब कर रहे होते हैं.

चाणक्य नीति

मनुष्य को अपने कर्म और सामर्थ्य पर भरोसा होना चाहिए , क्योंकि कोई भी व्यक्ति अपने कर्मों से ही महान बनता है , जन्म से नहीं .

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डरकर जीने वाला व्यक्ति हमेशा पीछे रह जाता है . इसलिए कामयाब बनना हो तो डर को अपने पास नहीं आने देना चाहिए .

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किसी भी काम को शुरू करते वक्त उसे लगन से करना चाहिए . खुश होकर ईमानदारी से किए जाने वाले काम में सफलता की संभवना, संकोचवश किए जाने वाले काम के मुकाबले ज्यादा होती है.

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बुद्धिमान व्यक्ति को आग , पानी , मूर्ख , औरत , सांप और राज परिवार के सदस्यों के साथ बहुत सावधान रहना चाहिए .ये सब मनुष्य को एक झटके में खत्म कर सकते हैं .

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