चाणक्य नीति

आचार्य चाणक्य ने जीवन जीने के कुछ ऐसे सूत्र बताये हैं। जिनको यदि जीवन में उतरा जाये तो आपका जीवन सफल हो जायेगा।

चाणक्य नीति

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य को अपने जीवन में कुछ चीज़ों में संतोष नहीं रखना चाहिए।

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चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य को धन कमाने में कभी शर्म और संतोष नहीं करना चाहिए।

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थोड़ा सा धन कमाकर जो व्यक्ति संतोष कर लेता हैं वह एक समय आने पर ज़रूर दुखी होता है।

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अतः निरंतर धन कमाते रहना चाहिए। जिससे की मनुष्य को अच्छे और बुरे समय में कभी धन की कमी न रहे।

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आचार्य चाणक्य यह भी कहते हैं कि मनुष्य को हमेश  अच्छे कर्म करके ही धन अर्जित करना चाहिए।

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अच्छे कर्मों से अर्जित किया हुआ धन दान के योग्य होता है। बुरे कर्म करके कमाया हुआ धन आपके भाग्य में पाप की बढ़ोत्तरी करता है।

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बुरे कर्मों से कमाया गया धन कभी दान नहीं करना चाहिए। ऐसा दान कभी सफल नहीं होता है।

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इसके अलावा चाणक्य ने बताया है की मनुष्य को ज्ञान प्राप्त करने में कभी शर्म और संतोष नहीं करना चाहिए।

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मनुष्य को अपने पूरे जीवन में ज्ञान प्राप्त करते रहना चाहिए। चाहे वह विद्या पाने के बाद जितना भी बेहतर जीवन क्यों न जी रहा हो।

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विद्या एक ऐसा अस्त्र है जिसकी धार जितनी तेज़ होती रहती है मनुष्य उतना ही सक्षम बनता है।

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मनुष्य को केवल जीवकोपार्जन करने के लिये ही नहीं ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। बल्कि समाज को आगे बढ़ने के लिए भी ज्ञान प्राप्त करते रहना चाहिए।

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