Google Bard Ai गूगल और अल्फाबेट कंपनी द्वारा बनाया गया एक ऑनलाइन चैटबॉट है। जिसे आर्टिफीसियल इंटेलेजेन्स तकनीक द्वारा निर्मित किया गया है।

गूगल कंपनी ने इसे अपने वार्षिक टेक इवेंट Google I/O 2023 में 10 मई 2023 को GOOGLE bard Ai को आधिकारिक तौर पर सभी यूज़र्स के लिए लांच कर दिया।

Google Bard Ai को भारत समेत सभी 180 देशों में लांच कर दिया गया है।

Google Bard Ai को 10 मई 2023 से सार्वजनिक उपयोग के लिए जारी कर दिया गया है। आप इस गूगल बार्ड टूल को अपने Gmail अकाउंट से लॉगिन करके इस्तेमाल कर सकते हैं।

अकाउंट लॉगिन होने के बाद आप इसमें अपना प्रश्न लिखकर पूछ सकते हैं। कुछ ही सेकण्ड्स में आप अपने प्रश्न का सटीक उत्तर पा सकते हैं।

गूगल का कहना है कि इसकी टेस्टिंग आगे भी जारी रहेगी और समय समय पर यूजर के फ़ीडबैक के बाद इसमें आने वाले हफ्तों या महीनों में आवश्यक सुधार भी कर दिया जाएगा।

Google Bard AI, LaMDA टेक्नोलॉजी पर आधारित है। इसके अनुसार गूगल का बार्ड ए आई मनुष्यों के साथ बातचीत के माध्यम से और गूगल में पहले से ही फीड जानकारी के माध्यम से ज्ञान प्राप्त करता है।

Google Bard Ai एक आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस चैटबॉट सर्विस है, जिसे LaMDA (Language model for dialogue application) Technology से बनाया गया है।

बार्ड का अर्थ होता है पेशेवर कहानीकार या कवि। अतः एक ऐसा कवि-गायक जो वीरों और उनके कामों पर विभिन्न प्रकार की रचना और पाठ तैयार करने में कुशल होता है।

जो तरह-तरह की ज्ञान की बातें लोगों तक पहुंचाता है। चाहे वह इतिहास या भूगोल से संबंधित हो। इसमें संगीत भी जोड़ा जाता है। अतः गूगल कंपनी ने बड़े ही रोचक तरीके से इसका नाम Google Bard रखा है।

गूगल के नए चैटबॉट Bard को ChatGPT की टक्कर में लाया गया है। लेकिन इन दोनों इंटरनेट आधारित चैटबॉट एआई टूल में समानता के साथ बहुत अंतर भी है।

दरअसल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल ChatGPT, पहले से मौजूद डाटा के आधार पर सवालों के जवाब देता है, जबकि गूगल अपने एआई चैटबॉट को लैंग्वेज मॉडल और डायलॉग एप्लिकेशन यानी LaMDA पर आधारित व संचालित होता है।

यानी कि गूगल Bard ज्यादा ज्यादा भरोसेमंद है और यह सटीक जवाब दे सकता है। साथ ही गूगल का कहना है कि बार्ड को बड़े लैंग्वेज मॉडल की बुद्धिमत्ता, पावर, संवेदनशीलता, और रचनात्मकता के संयोजन से लैस किया जाएगा।

सिर्फ इतना ही नहीं बार्ड को ऐसे डेवलप किया जा रहा है कि यह टूल यूजर्स के फीडबैक और इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर स्वयं सुधार और ज्ञान प्राप्त करेगा।

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