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भगवान शिव के विविध रूपों और महिमा का वर्णन करने वाली शिवपुराण सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पुराण है जिसे सबसे अधिक पढ़ा जाता है। शिव पुराण में भगवान शिव के विभिन्न अवतारों, उनके भक्तो और भक्तों की भक्ति तथा ज्योतिर्लिंगों का वर्णन किया गया है। इसके साथ ही शिव की महिमा, उनकी उपासना और रहस्य पर भी प्रकाश डाला गया है।
आज हम आपको शिवपुराण कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी द्वारा शिव पुराण में बताए गए विभिन्न तरह की बीमारियों से संबंधित उपायो के बारे में बताने जा रहे हैं। इसके संबद्ध में पंडित जी कहते हैं कि किसी भी उपाय को करने के लिए उसमे पूरी तरह विश्वास होना चाहिए और उसी विश्वास के साथ ही हमें शिव की उपासना और उनसे जुड़े उपायों को करना चाहिए।
पंडित प्रदीप मिश्रा के उपाय (Pradeep Mishra ke upay)
बेहतर स्वास्थ्य के उपाय
यदि आप या आपके घर का कोई भी सदस्य किसी भी प्रकार के रोग या बीमारी से पीड़ित है तो उसे शुक्रवार के दिन एक पात्र में दूध और जल मिलाकर अवधूतेश्वर महाराज के नाम से शमी के पेड़ पर अर्पित करे। अगर कोई भी व्यक्ति किसी भी रोग से पीड़ित है और ये उपाय नहीं कर सकता तो घर का कोई भी दूसरा सदस्य उस व्यक्ति के नाम का स्मरण करके उसके स्वस्थ्य होने की कामना करते हुए अवधूतेश्वर महाराज को स्मरण करते हुए इस दूध और जल के मिश्रण को शमी के पेड़ पर अर्पण कर सकता है। यदि आप बीमार न भी हो और अपने अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते है तो भी आप ये उपाय कर सकते हैं।
अगर आपके घर में किसी न किसी को बीमारी है या एक के ठीक होने पर कोई और बीमार हो जाता है तो आप पंडित जी द्वारा बताये गए इस उपाय को कर सकते हैं। आपको करना यह है की आप जब भी शिव जी के मंदिर जाये तो शिवलिंग पर गाय का घी चढ़ाएं। इससे आपके घर के रोग दूर हो जायेंगे।
इसके अलावा अगर आपके घर में कोई बीमार है तो आप दूध, काले तिल, थोड़ा सूखा आंवला और बेल के फल को लेकर उसे पीसकर उसका उबटन बना ले। अब इस उबटन को और एक कलश जल को लेकर बीमार व्यक्ति के हाथ का स्पर्श करवा कर शिवलिंग का अभिषेख करें। इससे भी आपके घर की बीमारी दूर हो जाती है।
संतान प्राप्ति के उपाय
पंडित प्रदीप मिश्रा जी बताते है कि पुत्रदा एकादशी वाले दिन भगवान शंकर की पूजा करके एक कटोरी में घी और एक कटोरी में खीर को चढ़ाया जाए। भगवान शंकर के मंदिर की चौखट पर घी का दिया जलाये। अब भगवान शंकर पर चढ़ी दो बेलपत्र को उठाये जिसमे से एक अपने पास रखे और दूसरी को मंदिर की चौखट पर बैठकर चबा चबा कर खाए और पास रखी दूसरी बेलपत्र को अपने पति को खिला दे। प्रदीप मिश्रा जी कहते है की पुत्रदा एकादशी वाले दिन ये उपाय कर लेने से संतान की प्राप्ति होती है।
किसी भी दंपत्ति को अगर संतान नही हो रही हो तो पंडित प्रदीप जी बताते है कि उस स्त्री को उसके रजस्वला धर्म के 7वे दिन पति और पत्नी दोनो को सफेद आंकड़े की जड़ को लेकर तुमरूक जी का नाम लेकर शिवलिंग के ऊपर से 21 बार घुमा कर उस जड़ को उसी मंदिर में शिवलिंग का दर्शन करते हुए लाल धागे से स्त्री की कमर पर बांध लें। शिव के दर्शन और ये उपाय करते समय पति पत्नी दोनो को एक साथ उपस्थित रहना और मन में विश्वास और आस्था के साथ इस उपाय को करना है।
सर दर्द से जुड़े उपाय
अगर कभी भी आपका बहुत तेज़ सरदर्द हो रहा हो तो ये उपाय करे और इसे आप आप कभी भी कर सकते है इस उपाय को करने के लिए आपको सात चने को दल के दाने लेने है और आपके घर पर या पास में जो भी शिवलिंग है उसपर इन चने के दानों को एक एक करके और श्री शिवाय नमस्तुभ्यम कहकर चढ़ा दे इसके बाद 2 से 3 मिनट तक शिवलिंग को ध्यान से देखना इसके बाद उन चने की दल के दानों को उठा लाना और एक-एक दानों को खाकर आधा गिलास पानी पीकर थोड़ी देर के लिए बैठ जाना। पंडित जी बताते है कि ऐसा करने से आपको सरदर्द के लिए किसी भी मेडिसिन की जरुरत नही पड़ेगी।
इसके अतिरिकत प्रदीप मिश्रा जी बताते है कि यदि आपके कमर में, पीठ में, घुटने में, सरदर्द या शरीर में कहीं पर भी तकलीफ हो तो 6 दिन रोज एक बेलपत्र को रात होने से पहले चबा चबा कर खा लें।
बच्चों की बीमारी से जुड़े उपाय
कभी कभी किसी बच्चे नज़र लग जाती है जिसके कारण वह बच्चा रोता बहुत है या बीमार हो जाता है। ऐसे में पंडित जी ने शिव पुराण का उपाय बताया है कि एक आंटे का दीपक बनाइये जिसमें चार रुई की बत्ती लगाइए और उसमें तिल का तेल डालकर जलाइए। फिर इस दीपक को बच्चे के ऊपर से 21 बार उतारकर अव्ढूतेश्वर महादेव का नाम से चौराहे पर तब रखना है जब कोई देख न रहा हो। ऐसा करने से जल्द ही आपका बच्चा ठीक हो जायेगा।
कोई बच्चा अगर निमोनिया का शिकार हो या सर्दी लगी हो और बार बार सर्दी से बीमार पड़ता हो तो प्रदीप जी बताते हैं कि हनुमान जी के उल्टे पैर का सिंदूर लाकर एक कागज पर रख लीजिए और उस कागज को चूल्हे पर जला लीजिए। जलाने के बाद उसकी कलोच(कालिख) से बचे की छाती पर गतिमान नाम से एक त्रिशूल बना दे। 15 से 20 मिनट तक त्रिशूल को बने रहने दें। ऐसा करने से बचे की सर्दी या निमोनिया से जुड़ी शिकायत दूर हो जाएगी।
कोई बच्चा अगर बहुत जिद्द करता हो तो सोमवार की अष्टमी के दिन एक कटोरी शक्कर को बच्चे के हाथ से शंकर जी पर अवधूतेश्वर महाराज के नाम से चढ़वा दे। ऐसा करने से बचा कभी जिद्द नहीं करेगा।
यदि 8 साल से कम उम्र का कोई बचा हो और बार बार बीमार पड़ रहा हो तो प्रदीप मिश्रा जी बताते है कि एक आटे का दिया बनाकर उसमें 4 बातिया रखे फिर दिया में तिल्ली का तेल डाले और अवधूतेश्वर महाराज का नाम लेकर दिया को बच्चे के ऊपर से 21 बार उतार कर किसी चौराहे पर ले जाकर इस दिया को रख दें। ऐसा करने से बच्चा बीमार नहीं पड़ेगा।
अगर किसी बच्चे का डॉक्टर को बहुत दिखाने के बाद भी बुखार नही उतर रहा हो दवाईयां काम न कर रही हो तो पंडित प्रदीप जी बताते है कि शंकर जी पर चढ़ा हुआ जल किसी पात्र में करलें और एक वस्त्र को इसी पात्र के जल में गीला करले। फिर बच्चे के तन के कपड़े उतार कर जल में गीले वस्त्र को बच्चे के शरीर से 7 बार श्री शिवाय नमस्तुभ्यम बोलकर उतार दीजिए। मिश्रा जी कहते है कि ऐसा करने से 7 से 8 मिनट के अंदर ही बच्चे का बुखार उतर जाएगा।
माइग्रेन की समस्या से जुड़े उपाय
पंडित प्रदीप मिश्रा जी कहते है कि यदि किसी व्यक्ति को माइग्रेन की समस्या हो आधा सिर हमेसा धुखता ही रहता हो इस व्यक्ति को ये उपाय करना चाहिए। उपाय करने के लिए इस व्यक्ति को सोमवार की अष्टमी के दिन भगवान शंकर को 5 या 7 लौंग समर्पित कर दें लौंग को उस जगह पर समर्पित करना है जहा भगवान शिव की बेटी अशोकसुंद्री का स्थान हो। फिर उस लौंग को उठा लाए और सुबह के समय बिना मुंह धोए, स्नान किए दरवाजे की देहली पर या शंकर मंदिर की देहली पर एक एक लौंग को एक एक दिन चबा चबा कर खा लें। माइग्रेन की समस्या दूर हो जाएगी।
आँखों से जुडी बीमारियों का उपाय
जिन लोगो की आंखो को रोशनी कम है चस्मा लगा हो उन्हें शिवरात्रि वाले दिन रात के 12 बजे भगवान शंकर पर शहद चढ़ाये फिर उसे उठाकर किसी शीशी में रखले और उसी शहद को आंखो में काजल की तरह लगाएं। 15 दिनों में आंखों को रोशनी बढ़ने लगेगी।
इसके अतिरिक्त पंडित जी बताते हैं कि आंखो की ज्योति बढ़ाने के लिए शरद पूर्णिमा के दिन रात को तुलसी के पत्ते की डंडी की नोक से चन्द्रमा को देखा जाता है। शरद पूर्णिमा की रात को ठीक 12 बजे घर में घी का दिया जलाए, दिए के ऊपर किसी पात्र को इस प्रकार से रख दे की उसकी कालिख पात्र पर जम जाए अब उसी कालिख को गाय के घी में मिलाकर काजल के रूप में आंखों में प्रतिदिन लगाकर सो जाइए। ऐसा करने के 3 दिन बाद से आपके आंखो को रोशनी बढ़ने लगेगी।
पेट की बीमारियों के लिए उपाय
अगर आपको पेट या किडनी, लीवर से जुड़ी कोई समस्या हो तो भगवान शिव पर कुंद केश्वर महाराज के नाम से जल चढ़ाएं और उस जल का आंचमन (पिए) करें । ऐसा करने से आपके पेट और किडनी लीवर से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाएंगी।
यदि आपको पेट से जुड़ी कोई भी समस्या हो तो प्रदीप जी बताते है कि सिर्फ 3 दिन तक भद्राक्ष के फल को पानी में डुबो कर शिवलिंग में अशोक सुंदरी (शिवलिंग के आगे के हिस्से में बीच में जो मोटी सी लकीर होती है) वाले स्थान पर उस जल को चढ़ाने के बाद चढ़े हुए जल को थोड़ा सा लेकर पीने से पेट से जुड़ी समस्याएं दूर होंगी।
कौन थी शिव जी की पुत्री और किसने किया था उसका अपहरण।
बच्चों की बुद्धि से जुड़े उपाय
यदि आपका बच्चा बहुत ज्यादा शरारती है और आपके समझाने पर भी आपकी बात नहीं मानता है तो आप प्रदीप जी द्वारा बताये गए इस उपाय को कर सकते हैं। आपको सोमवार के दिन बाजरे के आंटे की दो रोटी बनानी है जी एक तरफ से सिकी हुई हो। जिस तरफ रोटी कच्ची हो उस तरफ गुड, चावल, बेलपत्र रखकर दूसरी रोटी से ढक दो। इसके बाद इस रोटी को नहाने से पहले अपने बच्चे के द्वारा किसी बैल को खिलवा दे। इस उपाय को करने से आपका बच्चा सुधरने लगेगा।
मस्सों की समस्या के लिए उपाय
मस्सों की समस्या से निदान पाने के लिए प्रदीप जी कहते हैं कि गाय के कच्चे दूध को जितना आप पी सकते हो उतना ही दूध भगवान शिव पर चढ़ाने के बाद किसी कटोरी में चढ़े हुए दूध को झेल(औंच) ले। फिर मंदिर के द्वार पर बैठकर एक नींबू को काटकर दूध में निचोड़ ले और शिवलिंग के दर्शन करते हुए अवधूतेश्वर महाराज का नाम लेते हुए उसी दूध को पीने से मस्सों की समस्या ठीक हो जाती है।
शरीर में सूजन की समस्या के लिए उपाय
शरीर के किसी भी भाग में सूजन आ जाती है और सूजन जा नही रही है तो पंडित जी बताते हैं कि 5 पीपल के पत्ते और 5 बेलपत्र लीजिए। शमी के वृक्ष के पास जाइए और एक लोटे जल के अंदर इन पत्तो को डाल दीजिए और लोटे को शमी के पेड़ के नीचे रख दीजिए। पत्ते को कम से कम 20 मिनट तक जल में डूबे रहने दें। इसके बाद श्री शिवाय नमस्तुभ्यम बोलकर अवधूतेश्वर महाराज का स्मरण करके उस जल को धीरे धीरे चढ़ाइए, जल को पेड़ पर अर्पित करना है। महाराज जी कहते हैं कि ऐसा करने से करीब ढाई घंटे में शरीर की सूजन चली जाएगी।
पंडित प्रदीप मिश्रा जी अपनी शिव पुराण की कथाओं के माध्यम से समय-समय पर कई प्रकार की बीमारियों से जुड़े टोटके और उपाय बताया करते हैं। जिनके बारे में इस लेख में बाताया गया है। आगे भी इसी प्रकार उनकी कथाओं से जुडी उपायों के बारे में हम आपको अवगत कराते रहेंगे। धन्यवाद
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