कौन है शिवरंजनी जो धीरेन्द्र शास्त्री से विवाह करना चाहती हैं ?

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धीरेंद्र शास्त्री के विवाह की चर्चा क्यों ?

मध्य प्रदेश छतरपुर से बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अक्सर चर्चा में रहते हैं। कभी राजनीतिज्ञों से अपनी नजदीकियों तो कभी हिंदू राष्ट्र के लिए अपने बयानों को लेकर वे लगातार सुर्खियों में बने रहते हैं। उनके लाखों फॉलोअर्स हैं। बागेश्वर महाराज के दरबार में भी लाखों लोग पहुंचते हैं। पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर उनकी शादी की खबरें जोर पकड़ रही हैं। क्या है पूरा मामला चलिए जानने का प्रयास करते है |

क्या है पूरा मामला ?

शिवरंजनी और धीरेन्द्र शास्त्री

हाल ही में मेडिकल स्टूडेंट शिवरंजनी तिवारी और पंडित धर्मेंद्र शास्त्री की शादी  की बात को लेकर न्यूज़ और मीडिया में इस बात की अफवाह फैलाई जा रही है , की शिवरंजनी जी पंडित देवेंद्र शास्त्री से विवाह करने वाली है , तथा इसके लिए उन्होंने संकल्प भी किया है |

इन सभी सवालों, और मीडिया में फैल रही है अफवाह को लेकर शिवरंजनी ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा है , मैंने कभी नहीं कहा कि मेरा शादी का संकल्प है, ना ही मेरा पर्चा खुला न ही मेरे संकल्प के बारे में किसी को पता चला है | शिवरंजनी में साफ इस  बात से इंकार कर दिया है कि उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री से विवाह का संकल्प लिया | उन्होंने कभी नहीं कहा कि मेरा शादी का संकल्प है, ना ही मेरा पर्चा खुला न ही मेरे संकल्प के बारे में किसी को पता चला।

शिवरंजनी ने गंगौत्री से बागेश्वर धाम तक की यात्रा पर कहा कि मेरा जो संकल्प था वह यह था ”मैं पूज्य बालाजी  महाराज के दर्शन करूं और मैं जब 11वीं में थी तब बायोलॉजी सब्जेक्ट लिया था। मैं कैंसर की डॉक्टर बनना चाहती हूं, बालाजी मुझे इस फील्ड में सक्सेस दे देना यही मेरी कामना थी। मेरी विवाह  की कोई कामना नहीं थी, लोगों ने बिना वजह  ही मेरी यात्रा को शादी से जोड़ दिया | 

क्यों फैली अपवाहे ?

दरअसल , बागेश्वरधाम  के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री  एकांतवास में चले गए हैं. उनसे मिलने की आस में गंगोत्री से 1200 किलोमीटर की पदयात्रा करके छतरपुर तक पहुंची शिवरंजनी तिवारी  है , शिवरंजनी तिवारी जी एक सनातन धर्म की बहुत मानती है , तथा वह प्रभु के भजन करती है |

शिवरंजनी ने बताया, “मैंने कक्षा 11वीं बायो सब्जेक्ट से किया था, और मैं आगे चलकर कैंसर की स्पेशलिस्ट डॉक्टर बनना चाहती हूं, बालाजी मुझे इस फील्ड में सफलता प्राप्त दें इसी कामना के साथ मैं अपनी पैदल यात्रा निकाल रही थी | मेरी सनातन धर्म को बालाजी में गहरी आस्था है , इस मेने बालाजी को प्राणनाथ कह दिया है।

जिसका लोगो ने गलत मतलब निकाल लिया और लेकिन मेरी इस यात्रा को लोगों ने शादी के विषय से जोड़ दिया. मैं सिर्फ बागेश्वर धाम सरकार जो मेरे प्राणनाथ है उनसे पर्चा बनवाना चाहती थी, लेकिन अब वह यहां हैं ही नहीं तो कैंसे मुलाकात संभव हो पाएगी |

ज्योतिष पीठ के मीडिया प्रभारी डॉक्टर शैलेंद्र योगीराज सरकार ने भगवा वस्त्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं,  जिसके बाद शिवरंजनी की चर्चााएं तेज हो चली हैं. भगवा वस्त्र पर उठ रहे सवाल को लेकर शिवरंजनी ने कहा कि भगवा वस्त्र श्रीराम का रंग है और मेरा प्रिये रंग है. इसलिए में भगवा रंग के वस्त्र पहनती हूं. इसमें किसी को आपत्ति नही होनी चाहिए |

लेकिन अब उनकी मुश्किलें और बढ़ चुकी है मीडिया में उनके और धीरेंद्र  शास्त्री के विवाह की खबर अफवाह  पर रूप में फैल चुकी है | आपको बता दें कि शिवरंजनी जी पैदल यात्रा कर रही थी , अब उनकी तबीयत बिगड़ चुकी है उनको पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां डॉक्टरों का मानना है कि कमजोरी की वजह से उनकी तबीयत बिगड़ गई है |

लेकिन जब मीडिया वालों ने शिवरंजनी जी से पूछा कि पंडित देवेंद्र शास्त्री जी तो अब एकांतवास में चले गए हैं आप उनसे मुलाकात कैसे करेंगे करेगी ? उन्होंने इस प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि वीरेंद्र शास्त्री चाहे एकांतवास में हो या अज्ञातवास में उनसे मुलाकात तो होके ही रहेगी | इस पूरे मसले पर पंडित देवेंद्र शास्त्री ने अभी तक चुप्पी धारण कर रखी है, अब से अभी कोई बयान नहीं है | 

कौन है शिवरंजनी ? 

शिवरंजनी तिवारी मेडिकल की छात्रा है ,जो एमबीबीएस कर रही है , और भजन गायिका के तौर पर जानी जाती हैं। शिवरंजनी तिवारी के पिता पंडित बैजनाथ तिवारी ने बताया कि उनके परिवार का संबंध मध्यप्रदेश के सिवनी में जन्मे ब्रह्मलीन जगदगुरुस्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज से जुड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि उनका पैतृक गांव चंदौरीकला  है, जो सिवनी में पड़ता है। हालांकि, शिवरंजनी तिवारी का परिवार पिछले 25 सालों से हरिद्वार में रहता है |

शिवरंजनी तिवारी के पिता बैजनाथ तिवारी ने बताया कि उन्होंने नागपुर के बीआर इंस्टीट्यूट से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। वह एक बाइक कंपनी में महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थे, लेकिन पांच साल पहले उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद अब वह अपनी बेटी शिवरंजनी तिवारी के साथ भजन कार्यक्रमों के आयोजन में मदद  करते हैं।पिता बैजनाथ तिवारी ने छतरपुर में पत्रकारों के समक्ष स्वीकार किया है कि वे तेल बागेश्वरधाम में बेचते थे.

बैजनाथ तिवारी का आरोप है कि उसी दौरान किसी विवाद के चलते पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के सेवकों ने उन्हें धमकाया था. इसके बाद उन्होंने वहां तेल बेचना बन्द कर दिया | और  शिवरंजनी तिवारी की माता कैंसर दवाओं की विशेषज्ञ हैं। वह वर्तमान में अमेरिका में एक निजी कंपनी में विभाग प्रमुख के पद पर कार्यरत हैं।

मीडिया में इतनी चर्चा क्यों ?

अभी हाल ही के समय में पंडित धर्मेंद्र शास्त्री की लोकप्रियता इतनी बढ़ चुकी है कि भारत में जहां भी हो जाते हैं , वहां पर लोगों का जमावड़ा लग जाता है | पंडित धीरेंद्र शास्त्री के लाखों भक्त है लाखों उनके चाहने वाले हैं | जो भी पंडित धर्मेंद्र शास्त्री से मीणा आता है तो मीडिया उसको कवरेज और अपनी टीआरपी बढ़ाने के लिए बात को बढ़ा चढ़ा कर दिखाते हैं , तथा उस तथा उस मामले को ज्यादा देर तक न्यूज़ में रखने के लिए उसको कवरेज करते हैं |

ऐसी गलतफहमी का शिकार शिवरंजनी जी हो गई | जबकि शिवरंजनी जी ने कभी यह नहीं कहा कि मुझे पंडित धीरेंद्र शास्त्री से विवाह करने का संकल्प है |लेकिन शिवरंजनी जी के एक बयान जिन्होंने जिनमें उन्होंने बागेश्वर धाम को प्राणनाथ के दिया था उसका मीडिया में इतना बड़ा चढ़ाकर बताया गया कि लोगों को यह सच लगने लगा कि पंडित धीरेंद्र  शास्त्री से शिवरंजनी जी के विवाह का संकल्प लिया है और वह पूरा करके ही मानेगी |

फिर जब बहुत ज्यादा फैल गया पूरे देश में मामला तब शिवरंजनी जी ने स्वयं मीडिया के सामने आकर चुप्पी तोड़ी और बताया कि उनका ऐसा कोई इरादा नहीं है वह सिर्फ बालाजी सरकार से मिलना चाहती थी और अपना परिचय करवाना चाहती थी| 

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