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समाज में ऐसे कई दंपत्ति हैं जिनको कई साल हो गए है लेकिन अभी तक उनको संतान की प्राप्ति नहीं हुई है। कितना ही इलाज़ करवाने के बाद भी उनको संतान नहीं हुई। यहाँ तक की लोग आशा तक लगाना छोड़ देते हैं। लेकिन सनातन धर्म में ऐसा माना जाता है कि मनुष्य को ईश्वर के बताये रास्ते पर चलना चाहिए। लेकिन हम मनुष्य पहले दुनिया पर विश्वास करते हैं।
संतान प्राप्ति के उपाय
हमारे सनातन धर्म में कई अलग अलग पुराणों में संतान प्राप्ति के अचूक उपायों के बारे में बताया गया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि किस प्रकार एक दंपत्ति जोड़े को एक साथ वैवाहिक जीवन में रहना चाहिए और धर्म का पालन करना चाहिए। आइये जानते हैं संतान प्राप्ति से जुड़े कुछ उपायों के बारे में जो हमारे पुरानों के माध्यम से बताये जाते है।
संतान प्राप्ति के लिए सफ़ेद आकड़े (मदार) की जड़ का उपाय
प्रसिद्ध शिवपुराण कथावाचक श्री प्रदीप मिश्रा जी निःसंतान दम्पतियों के लिए शिवपुराण के कुछ उपाय बताते हैं जिनसे समाज के कई लोगों को लाभ हुआ है। वे बताते हैं कि जिनके विवाह के पश्चात कोई संतान नहीं है। कई सालों से वे संतान- सुख के लिए परेशान हैं। न जाने कितने ही इलाज़ करवा चुके हैं। लेकिन कोई फायदा अभी तक नहीं मिला है।
तो उसको स्त्री के रजस्वला यानी मासिक-धर्म के 7वें दिन सफेद आंकड़े की जड़ को लेकर शिवलिंग पर सात बार घुमाकर तुमरुका जी का नाम लेते हुए शिव जी से प्रार्थना करे। फिर उस जड़ को किसी लाल कपड़े में बांधकर स्त्री की कमर में बांध दें। शिव जी की कृपा से जल्द ही उस दंपत्ति को संतान की प्राप्ति होगी। इस उपाय से कई लोगों को लाभ के रूप में संतान पाप्त हुई है।
संतान प्राप्ति के लिए खीर का उपाय
इसके अलावा पंडित जी दूसरा उपाय भी बताते हैं कि जिसके संतान न हो रही हो तो उस दंपत्ति को सोमवार के दिन संध्या के समय किसी बेल वृक्ष के नीचे इ ब्रम्हाण और ब्रम्हाणी तथा उनके बच्चे को दूध मेवे से बनी खीर खिलाना चाहिए। उस ब्राम्हण परिवार के खीर खाने के बाद उनकी झूंठी बची हुई खीर उस नारी को खिलाना चाहिए जिसको सन्तान नहीं है। 4 से 5 महीने में उस नारी को गर्भ ठहर जायेगा।
संतान प्राप्ति के लिए नारियल का उपाय
पंडित जी ने बताया क शिवमहापुराण कहती है कि जिस नारी के गर्भ नहीं ठहर रहा है। बार बार गर्भ गिर रहा है तो उस नारी को किसी भी दिन या सोमवार के दिन एक श्रीफल (नारियल) को किसी शुद्ध कपडे में बांधकर महादेव से अपनी मनोकामना करके नारियल शिवलिंग पर चढ़ा देना चाहिए। महादेव मनोकामना अवश्य पूरी करेंगे।
संतान प्राप्ति के लिए गोवर्धन संतान शिला का उपाय
प्रदीप मिश्र जी बताते हैं की वृन्दावन, मथुरा में गोवर्धन परिक्रमा मार्ग में स्थित गोवर्धन पर्वत पर एक संतान शिला है। जिस पर जल चढाने से जहाँ दूध निकलता हो उस दूध को प्रसाद रूप में पीने से भी संतान की प्राप्ति होती है।
संतान प्राप्ति के लिए पीपल का उपाय
एक और भी उपाय प्रदीप मिश्र जी बताते हैं कि जिन दम्पतियों को संतान नहीं हो रही हो उन्हें यह उपाय करना चाहिए। एक पीपल का पत्ता लेकर उसे धो लें। पत्ते को चिकनी तरफ से शिवलिंग पर चढ़ाकर भगवान् शिव से संतान प्राप्ति की कामना करें। उस पीपल के पत्ते को वापस घर लाकर उसे दूध में डालकर उबाल लें। दूध को ठंडा कर लें। रात्रि में उस दूध को पति पत्नी दोनों पी लें। इसके बाद संतान प्राप्ति के लिए प्रयास करें अथवा सम्बंध बनायें।
संतान प्राप्ति के लिए बेलपत्र का उपाय
प्रदीप मिश्र जी बताते हैं कि संतान प्राप्ति के लिए सावन मास (महीने) में यदि शंकर जी के शिवलिंग पर प्रतिदिन एक बेलपत्र चढ़ाना चाहिए। अगर प्रतिदिन नहीं भी चढ़ा सकते हैं तो सोमवार के दिन , प्रदोष के दिन और शिवरात्रि के दिन भगवान् शंकर पर एक बेलपत्र तुमरुका जी का नाम लेकर अपनी संतान प्राप्ति की मनोकामना करके शिवलिंग पर अशोकसुंदरी के स्थान पर अवश्य चढ़ाना चाहिए।
गरुण पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय
गरुण पुराण के अनुसार जिस भी नारी को पुत्र की कामना होती है उसे मासिक धर्म (पीरियड) के 4 दिनों में अपने पति को अपना मुंह नहीं दिखाना चाहिए। पुरुष को भी अपनी पत्नी का मुंह नहीं देखना चाहिए। तथा महिला से दूरी बनाकर ही रखना चाहिए। जैसे ही मासिक धर्म के चार दिन समाप्त होते हैं महिला को कपडे पहने हुए ही स्नान करना चाहिए। इससे वह मासिक धर्म से शुद्ध हो जाती है।
मासिक धर्म के सातवें दिन महिला पूजा कर सकती है। अगर इन सात दिनों के बीच महिला पुरुष आपस में सम्बन्ध बनाते हैं तो संतान बुरे विचार वाली पैदा होती है। अतः इन सात दिनो में सम्बन्ध नहीं बनाना चाहिए। आठवें दिन यदि पति पत्नी सम्बन्ध बनाते हैं तो उनको अवश्य ही पुत्र की प्राप्ति होती है।
गरुण पुराण के अनुसार श्राद्ध पक्ष, पूर्णिमा, अमावश्या और ग्रहण के समय गर्भ धारण नहीं करना चाहिए। इसके अलावा यदि महिला या पुरुष किस प्रकार का व्रत करते हैं तो उस दिन भी गर्भ धारण की क्रिया नही करना चाहिए।
पुत्र प्राप्ति के लिए महिला को माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी, अष्टमी, दशमी, द्वादशी, के दिन गर्भधारण क्रिया करनी चाहिए। जैसे ही महिला गर्भधारण करती है उसे बछड़े वाली गाय का दूध पिलाना चाहिए।
पुत्र प्राप्ति के लिए दंपत्ति को पीपल का पौधा लगाना चाहिए तथा उसकी पूजा करनी चाहिए। पीपल के वृक्ष में लाल धागा बांधकर संतान प्राप्ति की कामना करनी चाहिए।
पुत्र प्राप्ति के लिए दंपत्ति को प्रोटीन से भरपूर फल खाना चाहिए।
संतान प्राप्ति के लिए मन्त्र
संतान गोपाल स्तोत्र
ॐ देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते
देहिमे तनयम कृष्ण त्वामहम शरणम गतः
इस मंत्र का जाप पति पत्नी दोनों भाद्रपद माह में कम से कम दिन के एक समय करें। हो सके तो दोनों समय भगवान् कृष्ण की पूजा करें और इस मंत्र का जाप करें। भगवान् कृष्ण आपकी मनोकामना अवश्य पूर्ण करेंगे।
माध्यम से हमने प्रसिद्ध कथावाचकों द्वारा पुराणों में बताये गए संतान प्राप्ति के उपाय के विषय में विस्तार से बाते गया है। हम आपको इससे जुडी और भी जानकारी देते रहेंगे। लेख को पूरा पढने के लिए आपका आभार। हमसे जुड़े रहने के लिए आपका धन्यवाद।
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