खेत में तालाब बनाने के लिए सरकार देगी अनुदान। जाने इससे जुड़े प्रमुख बिंदु।

farm pond scheme

भू-जल स्तर के लगातार गिरने के कारण राजस्थान में कृषि पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है। सरकार द्वारा कृषि भूमि के सुधार के लिए कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन्हीं योजनाओ में सरकार ने एक और योजना को जोड़ा है। जिसमें राजस्थान की कृषि और सिचाई से जुडी समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है। राजस्थान सरकार अब अपने खेतों में तालाब बनाने के लिए किसानों को अनुदान देगी। आइये जानते हैं इस योजना से जुड़े कुछ प्रमुख बिंदु।

  • राजस्थान के गिरते भू-जल स्टार को बढाने तथा सिचाई की समस्या का समाधान करने के लिए सरकार किसानों को अपनी ज़मीन पर तालाब बनवाने के लिए अनुदान दे रही है।
  • उन तालाबों में बारिश का पानी संचय करके सिचाई के काम में लिया जा सकेगा।
  • जल संचय से बंजर भूमि की उर्वरक क्षमता भी बढ़ सकेगी।
  • राजस्थान कृषि विभाग के अनुसार कच्चे तालाब को बनवाने पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और सीमांत किसानों को इकाई लागत का 70% या अधिकतम 73,500 रुपये का अनुदान दिया जायेगा।
  • प्लास्टिक लाइनिंग तालाब बनवाने पर 90% या 1 लाख 35 हजार रुपये अनुदान दिया जाता है।
  • सामान्य श्रेणी के किसानों को कच्चे तालाब पर लागत का 60% या अधिकतम 63,000 रुपये
  • प्लास्टिक लाइनिंग तालाब बनवाने पर 80% या 1 लाख 20 हजार रुपये (जो भी कम हो) पर अनुदान राशि दी जाती है।
  • इस योजना में यह अनुदान अधिकतम 1 लाख 35 हजार रुपये तक का दिया जा रहा है।
  • इस योजना के तहत किसान की न्यूनतम 400 घनमीटर क्षमता के तालाब पर ही अनुदान दिया जाता है।
  • राजस्थान कृषि विभाग के अनुसार, इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों के पास तालाब बनवाने के लिए न्यूनतम  0.3 हेक्टेयर और संयुक्त खातेदारी की स्थिति में एक स्थान पर न्यूनतम 0.5 हेक्टेयर कृषि भूमि होना जरूरी है।

आवेदन कैसे करें :

  • इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान स्वयं से राज किसान साथी पोर्टल (Raj Kisan Saathi Portal) पर या फिर नजदीकी ई-मित्र केन्द्र (e-Mitra Centre) पर जाकर जन आधार नम्बर के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
  • किसान भाई के पास आवेदन के समय चकबंदी की नकल और राजस्व विभाग द्वारा जारी खेत का नक्शा होना जरूरी है।
  • आवेदन के बाद कृषि विभाग खेत में तालाब के निर्माण के लिए प्रशासनिक स्वीकृति जारी करता है। जिसकी सूचना मोबाइल संदेश या कृषि पर्यवेक्षक द्वारा किसानों को दी जाती है।
  • स्वीकृति मिलने के बाद किसान भाई अपने खेत में तालाब बनवाने का कार्य प्रारंभ कर सकते हैं।

Source : Zee Business

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