चाणक्य कहते हैं दुष्ट प्रभाव वाली और कठोर वचन बोलने वाली दुर्आचरण करने वाली स्त्री, दुष्ट स्वभाव वाला मित्र, मुंह पर जवाब देने वाला नौकर और जिस घर में सांप रहता हो उस घर में वास करना मृत्यु के समान होता है।
चाणक्य नीति
जिस घर में दुष्ट प्रवृत्ति की स्त्रियां निवास करती हैं, उस घर के स्वामी की स्थिति एक मृतक के समान हो जाती है। उस घर में स्वामी का कोई मान सम्मान नहीं रहता है। ऐसे घर में रहने वाले ग्रह स्वामी का कोई वश नहीं चलता और वह मन के भीतर ही भीतर कुढ़ता रहता है।
चाणक्य नीति
इसी प्रकार एक दुष्ट स्वभाव वाला मित्र भी विश्वास करने योग्य नहीं होता है। वह आपको कभी भी धोखा दे सकता है। ऐसा मित्र आपके कभी काम नहीं आएगा। इसलिए ऐसे मित्रों से बच के रहना चाहिए। नहीं तो आप की स्थिति एक मृतक के समान बन सकती है।
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जो नौकर अथवा अपने अधीन काम करने वाला कर्मचारी आपके मुंह पर जवाब देता हो वह कभी भी आपको असहनीय हानि पहुंचा सकता है ऐसे सेवक के साथ रहना अविश्वास के घूंट पीने के समान होता है।
चाणक्य नीति
इसी प्रकार जिस घर में सांपों का वास होता है उस घर में कभी भी नहीं रहना चाहिए। ऐसे घर में रहने पर आपको कभी भी सांपों का शिकार होना पड़ सकता है। वह आपको कभी भी सर्प दंश दे सकता है। और आपकी मृत्यु भी हो सकती है।
चाणक्य नीति
बुद्धिमान व्यक्ति को श्रेष्ठ कुल में उत्पन्न हुई पूर्व अर्थात सौंदर्य हीन कन्या से भी विवाह कर लेना चाहिए। परंतु नीच कुल में उत्पन्न हुई सुंदर कन्या से कभी विवाह नहीं करना चाहिए। अगर विवाह करना ही है तो अपने सामान कुल में ही करना चाहिए
चाणक्य नीति
चंचल स्वभाव वाली स्त्रियों पर कभी भी विश्वास नहीं करना चाहिए। मैं अपनी चतुरता से कभी भी आपके सामने ऐसी प्रतिकूल परिस्थिति पैदा कर सकती है जिससे आपको हानि हो सकती है। प्राचीन ग्रंथों में ऐसे अनेक उदाहरण मिल जाएंगे।
चाणक्य नीति
पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों का आहार अर्थात भोजन दोगुना होता है, बुद्धि चौगुनी, और उनका साहस 6 गुना तथा कामवासना 8 गुना होती है।
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