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Shri mad Bhagwat katha muhurt 2023
बहुत ही भाग्यशाली होते हैं वो लोग जिनको भगवत कृपा प्राप्त होती है. भगवान् श्री कृष्ण की कृपा से ही आप श्री मद भागवत कथा का पाठ कर सकते हैं अथवा आपको कृष्ण कृपा से ही भागवत कथा सुनने का अवसर प्राप्त होता है. आपका मन भगवान् की कथा में तभी लगेगा जब आप पर उनकी कृपा होती है. आज हम आपको भागवत कथा का मुहूर्त 2023 के बारे में बताने जा रहे है.
वैसे तो किसी भी दिन से आप स्वयं अपने घर पर श्री मद भागवत कथा का पाठ प्रारंभ कर सकते हैं. लेकिन यदि आप चाहते हैं कि आप के साथ और भी लोगों को श्री मद भागवत कथा सुनने का अवसर प्राप्त हो और लाभ हो तो साल के कुछ माह ऐसे होते हैं जिनमें श्री मद भागवत कथा का आयोजन करवाया जा सकता है.
श्री मद भागवत कथा पुराण पाठ किसी भी वर्ष के भाद्रप्रद, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, आषाढ, और श्रावण के महीनों में कथा का आयोजन करवाना बहुत श्रेष्ठ होता है. इन महीनों में श्री मद भागवत कथा का सुनने व पाठ करने से मोक्ष की प्राप्ति सरल होती है. इसके अलावा आप अधिक मास और पितृ पक्ष में भी श्री मद भागवत कथा का आयोजन करवाना अथवा सुनना बहुत श्रेष्ठ माना जाता है. कहा जाता है कि श्री मद भागवत कथा का आयोजन करवाने से और दान करने से आपकी आर्थिक, मानसिक और शारीरिक शुद्धी होती है. अर्थात श्री मद भागवत कथा का आयोजन करवाने से आपका तन, मन और धन शुद्ध होता है.
श्री मद भागवत कथा का महत्त्व
सनातन हिन्दू धर्म में श्री मद भागवत कथा सुनने का बहुत श्रेष्ठ महत्त्व होता है. मोक्ष की प्राप्ति के लिए और मानसिक शुद्धी के लिए श्री मद भागवत कथा का पाठ करना व सुनना बहुत लाभकारी होता है.
श्री मद भागवत कथा की विधि
श्रीमद् भागवत कथा महापुराण की सात दिवसीय कथा श्रवण की विधि के बारे में श्री सनकादि ने देव ऋषि नारद जी को बताया कि श्रीमद् भागवत कथा आयोजन को सभी को सहयोग से करना चाहिए। ऐसे लोगों से सहयोग प्राप्त करना चाहिए जिन्हें श्रीमद् भागवत कथा महापुराण को सुनने में रुचि हो। सहयोग किसी भी प्रकार से किया जा सकता है सेवा से, धन से, इत्यादि। सबसे पहले किसी विद्वान ऋषि या ब्राह्मण से शुभ मुहूर्त के बारे में पूछना चाहिए। इसके बाद जिस प्रकार एक गरीब कन्या के विवाह के लिए धन एकत्रित किया जाता है उसी प्रकार लोगों से कथा के लिए धन एकत्रित करना चाहिए।
कथा में ऐसे लोगों को आमंत्रित करना चाहिए जो कथा सुनने के लिए अति उत्साहित हो। सहयोग भी उन्हीं लोगों से लेना चाहिए जो कथा के लिए एक स्वार्थ भाव से सेवा दे सकते हैं। कथा में ब्राम्हण क्षत्रिय वैश्य शुद्र सभी वर्ण के लोगों को सपरिवार आमंत्रित करना चाहिए एवं उनके सहयोग से और भी लोगों को बुलावा भेजना चाहिए। कथा में उनके बैठने की उचित व्यवस्था करनी चाहिए।
श्रीमद् भागवत कथा पाठ कराने के लिए आपको एक स्थान निश्चित करना होता है। यह स्थान किसी पवित्र स्थल के पास होता है जैसे किसी नदी के किनारे किसी मंदिर में अथवा किसी स्वच्छ प्रांगण में। उस स्थान को जहां पर कथा पाठ होना है कथा से पहले 5 दिन से वहां पर साफ सफाई करना आवश्यक होता है। उस स्थल को पूर्ण रूप से स्वच्छ रखा जाता है इसके बाद कथा प्रारंभ करते समय व्यास जी महाराज के लिए एक ऊंचाई पर स्थान या व्यासपीठ बनाई जाती है जहां से व्यास जी कथा सुनाते हैं। कथा पूरे 7 दिनों तक चलती है सातवें दिन कथा का समापन होता है और प्रसाद वितरण किया जाता है।
श्री मद भागवत कथा का खर्च
श्री मद भागवत कथा मैं कम से कम एक लाख रुपए और इसके बाद आप कितना भी अपनी श्रद्धा अनुसार खर्च कर सकते हैं वैसे तो आज के समय में करीब लोगों का 10 लाख तक खर्च हो जाता है। कुछ साधु संत श्रीमद् भागवत कथा का लाइव टेलीकास्ट टीवी पर कराते हैं जिसमें लगभग 50 लाख से एक करोड़ तक का खर्च भी आ जाता है।
Q. भागवत कथा कितने दिन चलती है?
Ans. कथावाचकों द्वारा भागवत कथा सात दिनों तक की जाती है। लेकिन आप चाहे तो इसे आगे भी जारी रख सकते हैं।
Q. भागवत कथा कब सुननी चाहिए?
Ans. भागवत कथा सुनने का कोई निश्चित समय या नियम नहीं होता है। जहाँ भी भागवत कथा हो रही हो आपको ज़रूर सुना चाहिए। यदि आप सक्षम हो तो अपने जीवन काल में एक बार तो ज़रूर भागवत कथा का पाठ करवाना चाहिए।
Q. घर पर भागवत कथा कैसे करें
Ans . जब भी आप सुबह पवित्र होकर पूजा करने के लिए बैठें रोज़ाना भागवत महापुराण का पाठ करना चाहिए।