यदि आप विचार कर रहे हैं किसी म्यूच्यूअल फण्ड में SIP करने की या फिर आप पहले से ही SIP में इन्वेस्ट कर रहे हैं। तो आपको यह जानना बहुत ज़रूरी है की SIP के कुछ नये नियम लागू किये गए हैं। जो आपकी इन्वेस्टिंग की जानकारी को और भी बढ़ाने में आपकी सहायता करेगी। आइये जानते हैं SIP के वे 4 नए नियम और क्या होगा इसका प्रभाव।
1. NAV गणना की नयी विधि
NAV (Net Asset Value) की गणना करने के लिए नई विधि को लागू किया जायेगा। जिसे फेयर वैल्यू मार्किंग कहा जाता है। शेयरों और परी संपतियों के सटीक मूल्यांकन के लिए यह बेहतर तरीका साबित होगा। जिसका अर्थ है कि निवेशक द्वारा म्यूच्यूअल फण्ड में जमा की गयी राशि का सही और सटीक मूल्यांकन करने के लिए फेयर वैल्यू मार्किंग विधि का उपयोग किया जायेगा। जिससे निवेशक अपने निवेश से प्राप्त होने वाले ब्याज या रकम की सटीक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
2. लिक्विडिटी जोखिम की जानकारी
इसके साथ म्यूचुअल फंड के लिए अब से यह भी जरूरी होगा कि वह निवेशकों को लिक्विडिटी के बारे में जानकारी दे। यानी की फंड से पैसा निकालने में कितना समय लगेगा, यह कितना आसान है और पैसा कितने समय में प्राप्त हो जायेगा इसकी जानकारी देनी होगी। इससे निवेशक अपनी सुविधानुसार निवेश कर पाएंगे। निवेशक यह सुनिश्चित कर सकेंगे कि वे अपने निवेश को कब उपयोग में ला पाएंगे।
3. वोलेटिलिटी की जानकारी
निवेशकों को म्यूचुअल फंड की तरफ से वोलेटिलिटी के बारे में भी सटीक जानकारी दी जायेगी जिसका अर्थ है कि बाजार के साथ फंड में कितना उतार चढ़ाव आ सकता है इसकी जानकारी निवेशकों को मिलेगी। इससे निवेशकों को अपना पैसा निवेश करने में आसानी होगी। उन्हें पहले से ही इस बात की जानकारी होगी कि कब उन्हें अपने म्यूच्यूअल फण्ड में एडिशनल पर्चेज़ करना चाहिए।
4. पोर्टफोलियो होल्डिंग की जानकारी
निवेशकों को म्यूचुअल फंड की तरफ से यह भी बताया जायेगा की उनका पैसा किन किन कंपनियों के शेयरों में लगाया जा रहा है और कितना लगाया जा रहा है। ऐसे में निवेशक अपने म्यूच्यूअल फंड के निवेश पोर्टफोलियो की होल्डिंग्स के बारे में जान सकेंगे।