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भागवत कथा का खर्च
भागवत कथा का खर्च इस बात पर निर्भर करता है कि आप भागवत कथा किस स्तर पर करवाना चाहते हैं। कुछ लोग अपने घर पर ही भागवत कथा का पाठ करते हैं या करवाते हैं। और कुछ लोग सार्वजनिक रूप से भागवत कथा करवाते हैं। यदि आप अपने घर पर ही भागवत कथा का पाठ करते हैं, तो इसमें ज्यादा खर्च नहीं आता है। अगर आप अपने घर पर किसी श्रेष्ठ ब्राह्मण द्वारा करवाते हैं तो फिर भी कम से कम 20 हजार रुपए से 50 हजार रुपए का खर्च तो आ ही जाता है।
सार्वजानिक भागवत कथा का खर्च
अगर आप सार्वजनिक रूप से श्रीमद् भागवत कथा करवाना चाहते हैं तो इसमें थोड़ा ज्यादा पैसा खर्च होता है। सार्वजनिक रूप से कथा 3 दिन की भी होती है और 7 दिन की भी होती है। इसी प्रकार कथा वाचक प्रतिदिन के हिसाब से दक्षिणा लेते हैं। और यह दक्षिणा सभी कथावाचकों की अलग-अलग होती है।
श्री मद भागवत कथा में कम से कम एक लाख रुपए और इसके बाद आप कितना भी अपनी श्रद्धा अनुसार खर्च कर सकते हैं वैसे तो आज के समय में लोगों का करीब 10 लाख तक खर्च हो जाता है। आज कल तो कुछ साधु संत श्रीमद् भागवत कथा का लाइव प्रसारण टीवी पर कराते हैं जिसमें लगभग 50 लाख से एक करोड़ रुपये तक का भी खर्च आ जाता है।
भागवत कथा के सभी खर्चे
यदि सार्वजानिक रूप से आप भागवत कथा करवाना चाहते हैं तो इस कथा में कुछ विशेष प्रकार के खर्चे आते हैं। आइये जानते हैं कि भागवत कथा के खर्च में वह कौन कौन से खर्च शामिल हैं।
- सर्वप्रथम व्यास जी महाराज की दक्षिणा (फीस)
- व्यास जी के साथ आने वाले अन्य ब्राम्हणों एवं आचार्यों की दक्षिणा
- कथा मंडली एवं संगीत कलाकारों की फीस
- व्यास जी और उनके साथ आये हुए ब्राम्हणों, आचार्यों तथा संगीत मंडली के ठहरने और भोजन इत्यादि का खर्च।
- कथा-स्थल में पंडाल बनवाने का खर्च
- कथा-स्थल एवं वहां के आस पास के लोगों को कथा श्रवण करवाने के लिए साउंड, लाइट इत्यादि व्यवस्था का खर्च
- भागवत कथा में लगने वाली पूजन सामग्री, फल-फूल इत्यादि का खर्च
- इसके साथ ही भागवत कथा का सार्वजानिक प्रचार करने का खर्च भी होता है।
- भागवत कथा समापन होने के बाद भंडारा वितरण बहुत श्रेष्ठ माना जाता है। अतः इसमें भी थोडा खर्च आता है जिसे आप सार्वजानिक रूप से एकत्रित करके भी करवा सकते हैं।
भागवत पोथी पाठ का खर्च
यदि आपके प[स भागवत कथा करवाने के लिए आपका बजट कम भी है तो आप भागवत पोथी पाठ भी करवा सकते हैं। जिसके लिए आपको कथावाचकों के आश्रमों और संस्थानों में पैसे जमा कराने होते हैं और आपके नाम से उन आश्रमों में भगवत पोथी का पाठ करवा दिया जाता है। प्रसिद्ध कथावाचकों द्वारा भागवत पोथी का पाठ करवाने के लिए लगभग 21 हज़ार रुपये से 51 हज़ार रुपये का खर्च आता है।
भागवत समापन भंडारा का खर्च
श्री मद भागवत कथा कराने के बाद भंडारा (प्रसाद वितरण ) कराया जाता है। जिसे सार्वजानिक रूप से सबके सहयोग से भी कराया जा सकता है। इसके लिए आप अपने क्षेत्रीय लोगों का सहयोग ले सकते हैं। इसमें कोई धन का तो कोई सामग्री का सहयोग कर सकता है।
भागवत कथा में क्या दान करें
हिन्दू सनातन धर्म में ऐसा माना जाता है कि जब कथावाचक व्यासपीठ पर बैठकर कथा सुनाते हैं तो उनको व्यास जी का ही रूप माना जाता है। अतः उनको दान करना अत्यधिक पुण्य का कार्य माना गया है। ऐसा इसलिए भी कहा जाता है की यह व्यास जी महाराज वही कथावाचक होते हैं जिन्होंने हमारे हिन्दू सनातन धर्म के ज्ञान को आज भी जीवित रखा हुआ है और भगवत लीला का प्रचार करते हैं।
भागवत कथा में दान का अत्यधिक महत्त्व होता है। भागवत कथा करवाने वाले यजमान हो या फिर कोई कथा सुनने वाले श्रोता। यह बात दोनों पर लागू होती है। दान का अर्थ है कि अपनी सामर्थ्य के अनुसार व्यास जी महाराज (कथावाचक) को दान अवश्य करना चाहिए।
आपकी सामर्थ्य यदि 10 रुपये की हो चाहे 10 लाख रुपये की, बिना व्यास जी महाराज को दान दिए वापस घर नहीं जाना चाहिए। यदि आपके पास 10 रुपये की भी सामर्थ्य नहीं है तो आप अपने घर की तुलसी जी की बनी माला ही भेंट में दान कर सकते हैं।
इसके अलावा आप व्यास जी महाराज को वस्त्र, बर्तन, घर का सामान, (बिस्तर, गद्दे- रजाई, कम्बल, इत्यादि ), सोने-चांदी के आभूषण दान में दे सकते हैं। यदि आपके पास अत्यधिक सामर्थ्य है तो ज़मीन ,प्रॉपर्टी, कार, बंगला, आदि दान कर सकते हैं।
भागवत कथा कितने दिन की होती है ?
प्रायः अधिकतर श्रीमद्भागवत कथा 7 दिन तक चलती है इसलिए इस कथा को भागवत साप्ताहिकी कहा जाता है। अंतिम यानि सातवें दिन इसकी पूर्णाहुति होती है। इसके अलावा आप भागवत कथा अपनी सामर्थ्य के अनुसार तीन दिन, पांच दिन, 9 दिन तक भी करवा सकते हैं।
प्रमुख भागवत कथावाचक और उनकी भागवत कथा का खर्च
कथावाचक | भागवत की फीस |
जगत गुरु स्वामी राम भद्राचार्य जी महाराज | क्लिक करें |
अनिरुद्धाचार्य जी महाराज | क्लिक करें |
जया किशोरी जी | क्लिक करें |
चित्रलेखा जी | क्लिक करें |
राजेंद्र दास जी महाराज | क्लिक करें |
श्याम सुन्दर पराशर जी महाराज | क्लिक करें |
स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज | क्लिक करें |
श्री कृष्ण चंद्र ठाकुर जी महाराज | क्लिक करें |
देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज | क्लिक करें |
मृदुल कृष्ण शास्त्री जी महाराज | क्लिक करें |
गौरव कृष्ण शास्त्री जी महाराज | क्लिक करें |
पूज्य राजन जी महाराज | क्लिक करें |
जगत गुरु स्वामी राम भद्राचार्य जी महाराज
स्वामी रामभद्राचार्य जी जिन का वास्तविक नाम गिरधर मिश्रा है। वे जब 2 महीने के थे तब ही वह दृष्टिहीन हो गए थे। उनकी आंखें ट्रेकोमा से संक्रमित हो चुकी थी। परंतु ईश्वर की कृपा इन पर इतनी थी की बचपन से ही ईश्वर में मन लग गया था। उनका जन्म 14 जनवरी 1950 को उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के शांडीखुर्द नामक गांव में हुआ था।
स्वामी जी 22 भाषाएं बोल सकते हैं। उन्होंने 100 से अधिक पुस्तकों को लिखा है। इनकी भागवत कथा संतो और भक्तों दोनों में काफी प्रचलित है। स्वामी जी विश्व हिंदू परिषद के नेता भी हैं। स्वामी जी को 2015 में भारत के दूसरे सर्वोच्च सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित भी किया गया है।
1 अगस्त 1995 को अयोध्या में दिगंबर अखाड़ा द्वारा स्वामी जी का जगद्गुरु रामभद्राचार्य के रूप में अभिषेक किया गया। तब से वे जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य के रूप में जाने जाने लगे। स्वामी जी की भागवत कथा का खर्च यदि आप जानना चाहते हैं तो दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
अनिरुद्धाचार्य जी महाराज भागवत कथा फीस
अपने भागवत कथावाचन से सबका मन मोह लेने वाले अनिरुद्धाचार्य जी महाराज का जन्म में मध्यप्रदेश के दमोह जिले मे रिंवझा नामक गाँव में 27 सितंबर 1989 को हुआ है। वर्तमान में लगभग भारत के हर घर में इनकी भागवत कथा टेलीविज़न पर सुनी जाती है। इंटरनेट पर भी काफी प्रचलित हुए हैं।
इनकी भागवत कथा का खर्च जानने के लिए दिए गए लिंक पर सम्पर्क कर सकते हैं। फिर भी हम आपको एक अनुमान बता सकते हैं कि इनकी भागवत साथ का खर्च लाखों रुपये में हो सकता है। वैसे ये प्रतिदिन की भागवत कथा के अनुसार भी दक्षिणा लेते हैं।
जया किशोर जी की फीस
जया शर्मा जी जिन्हें पूरी दुनिया जया किशोरी के नाम से जानती हैं उनका जन्म 13 जुलाई 1996 को राजस्थान के सुजानगढ़ में हुआ था। बचपन से ही उनके माता पिता ने उन्हें भगवान के प्रति श्रद्धा भाव रखने का नियम दिया। जया किशोरी जी की कथाएं लोगों में काफी प्रचलित है।
जया किशोरी जी ज्यादातर नानी बाई का मायरा सुनाती हैं। उनके कथा वाचन का असर कुछ ऐसा होता है कि उन्हें सुनने के बाद लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। इसी प्रतिभा और भगवान के प्रति आस्था की वजह से वे भारत में ही नहीं बल्कि भारत के बाहर भी कई देशों में प्रचलित हैं।
जया किशोरी जी की कथा करवाने के लिए आप दिए गए लिंक पर क्लिक कर सकते हैं और वहां से जान सकते हैं कि उनकी भागवत कथा का खर्च कितना आता है।
देवी चित्रलेखा कथा फीस
अपनी मधुर वाणी के लिए प्रसिद्ध चित्रलेखा जी भागवत कथावाचक है। भगवान कृष्ण की लीलाओं को बड़ी मधुरता से बताती हैं। चित्रलेखा जी ने अपनी पहली कथा उत्तर प्रदेश के बरसाने में कही थी। 6 वर्ष की उम्र से ही लोगों के बीच भगवान का प्रचार प्रसार कर करना शुरू कर दिया था। आज केवल भारत में ही नहीं भारत के बाहर भी इनकी कथाओं के लिए मंच लगाए जाते हैं।
चित्रलेखा जी की कथाओं का प्रसारण टेलीविजन पर भी विभिन्न चैनलों के माध्यम से किया जाता है। चित्रलेखा जी द्वारा भागवत कथा कराने के लिए और उनकी भागवत कथा का खर्च जानने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करके पता करें।
राजेंद्र दास जी महाराज
मलूक पीठाधीश्वर के नाम से जाने जाने वाले श्री राजेंद्र दास जी महाराज भक्तमाल की कथा, भागवत कथा, राम कथा, आदि का पाठ करते हैं। इनकी कथाओं में वैदिक गूढ़ ज्ञान सुनने को मिलता है। महाराज जी की कथाएं केवल भारत में ही नहीं भारत के बाहर भी कई देशों में होती रहती हैं। लोग इनकी कथाओं से मिलने वाले ज्ञान के लिए इनके कथाओं के होने की प्रतीक्षा करते हैं।
अगर आपने महाराज जी की कथाओं को टेलीविजन पर कई धार्मिक चैनलों के माध्यम से सुना हो तो आप जानते होंगे कि महाराज जी की कथाओं में कितना ज्ञान होता है। महाराज जी भक्तमाल की कथाएं सुनाते हैं जिसमें भगवान के कई परम भक्तों की कथाएं होती हैं। जो हमें प्रेरित करती हैं कि हम भी ईश्वर के प्रति समर्पित हो।
महाराज जी की कथाएं कराने के लिए आप दिए गए लिंक पर क्लिक कर सकते हैं और उनकी भागवत कथा में होने वाले खर्च के बारे में भी जान सकते हैं।
डॉ. श्याम सुन्दर पराशर जी महाराज
कहां जाता है की डॉ. श्याम सुंदर पाराशर जी महाराज कथा में स्वयं सरस्वती माता विराजती हैं। श्याम सुंदर जी कितने प्रचलित हैं की उनकी कथा सुनकर भारत में ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में भी कथावाचक तैयार हो रहे हैं। श्याम सुंदर जी को महान धर्मगुरुओं द्वारा विद्वन मार्तण्ड, भागवतमहामहोपाध्याय, रसेस आदि उपाधियॉ भी दी गयी हैं।
श्याम सुंदर जी ने रूहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली, उत्तर प्रदेश से भागवत महापुराण पर विद्या वाचस्पति से पीएचडी की है तथा शास्त्रीय संगीत का भी अध्ययन किया है। आज केवल भारत में ही नहीं भारत के बाहर कई देशों में महाराज जी का कथावाचक लोगों में बहुत प्रिय है। महाराज जी भागवत महापुराण का पाठ करते हैं। इनकी भागवत कथा का खर्च के विषय में अधिक जानकारी पाने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज
जूना अखाड़े के मंडलेश्वर श्री अवधेशानंद गिरी जी महाराज आज लाखों लोगों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है। इनके प्रवचन आज लोगों को भगवान के प्रति जुड़ने की प्रेरणा देते हैं। ढाई साल की आयु में वैराग धारण करने वाले स्वामी जी ने अपने जीवन को तपस्या बना लिया था। उन्हें अपने परिवार से ज्यादा ईश्वर के रास्ते पर चलना उचित समझा। आज स्वामी जी के हज़ारों शिष्य बन चुके हैं और लाखों लोग इनसे प्रेरित होते हैं।
श्री कृष्ण चंद्र ठाकुर जी महाराज
मधुर वाणी से श्री राम कथा और श्रीमद्भागवत कथा का प्रचार प्रसार करने वाले श्री कृष्ण चंद्र ठाकुर जी महाराज को आज भारत में ही नहीं पूरे विश्व में लोग जानते हैं। कृष्ण चंद्र जी जब राम कथा कहते हैं तो लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। श्री राम कथा और श्रीमद् भागवत कथा महाराज जी बहुत ही अलग ढंग से कहते हैं। इनका कथा वाचन बहुत लोकप्रिय है। इनकी भागवत कथा का खर्च जानने के लिए ऊपर दिए गए लिंक पर क्लिक करके पता कर सकते हैं।
देवकीनंदन की भागवत फीस कितनी है
श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज आज पूरी दुनिया में कथा वाचन के क्षेत्र में कितने लोकप्रिय हो चुके हैं की पूरा विश्व इन्हें जानता है। विश्व शांति सेवा ट्रस्ट के नाम से इनकी एक संस्था है जिसके माध्यम से देवकीनंदन जी पूरे विश्व में भागवत कथा के माध्यम से विश्व शांति का प्रचार प्रसार कर रहे हैं।
देवकीनंदन जी श्रीमद् भागवत कथा और श्री राम कथा का कथा वाचन करते हैं। कथा वाचन हो या फिर धार्मिक विचार मंच इन्हें हर कहीं देखा जा सकता है। न्यूज़ चैनल के माध्यम से भी यह हिंदू सनातन धर्म का प्रचार और प्रसार करते रहते हैं। इनका कथा वाचन बहुत लोकप्रिय है। इनकी भागवत कथा का खर्च जानने के लिए ऊपर दिए गए लिंक पर क्लिक करके पता कर सकते हैं।
मृदुल कृष्ण शास्त्री जी महाराज
स्वामी हरिदास जी के वंशज श्री मृदुल कृष्णा शास्त्री जी बड़े ही सौम्य भाव से कथा कहने वाले श्री मृदुल कृष्ण शास्त्री जी महाराज की कथा सुनने के लिए लोग बड़े ही आतुर रहते हैं। इनके भागवत कथा कहने का तरीका बड़ा ही सरल होता है। बांके बिहारी जी को प्रकट करने वाले श्री हरिदास जी के पावन कुल में जन्मे मृदुल जी की ख्याति पुरे विश्व में है। लाखों की संख्या में मृदुल जी के पुरे विश्व में शिष्य हैं। जो इनकी भागवत कथा सुनने के लिए दूर दूर से आते हैं।
महाराज जी की श्री भागवत मिशन ट्रस्ट के नाम से एक संस्था है जिसके माध्यम से वे और उनका परिवार तथा शिष्यगण पुरे विश्व में भागवत कथा का प्रचार प्रसार करते रहते हैं। मृदुल कृष्णा शास्त्री जी की भागवत कथा करवाने का खर्च जानने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
गौरव कृष्ण शास्त्री जी महाराज
महान संगीतज्ञ स्वामी हरिदास जी की सातवीं पीढ़ी के वंशज श्री गौरव कृष्ण गोस्वमी जी के पिता श्री मृदुल कृष्ण गोस्वामी जी हैं। गौरव जी भी एक भागवत कथावाचक और भक्ति संगीतज्ञ हैं। इनकी भागवत कथा का तो हर कोई दीवाना है। बड़े ही मधुर भाव से कथा कहने वाले गौरव जी की प्रसिद्धि देश विदेश तक फैली हुई है। गौरव जी भी श्री भागवत मिशन संस्था से जुड़े हुए हैं और भागवत कथा का प्रचार प्रसार करते हैं। इनकी भागवत कथा का खर्च जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें
भागवत कथा की बुकिंग
कथावाचक | भागवत कथा की बुकिंग |
जगत गुरु स्वामी राम भद्राचार्य जी महाराज | क्लिक करें |
अनिरुद्धाचार्य जी महाराज | क्लिक करें |
जया किशोरी जी | क्लिक करें |
चित्रलेखा जी | क्लिक करें |
राजेंद्र दास जी महाराज | क्लिक करें |
श्याम सुन्दर पराशर जी महाराज | क्लिक करें |
स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज | क्लिक करें |
श्री कृष्ण चंद्र ठाकुर जी महाराज | क्लिक करें |
देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज | क्लिक करें |
मृदुल कृष्ण शास्त्री जी महाराज | क्लिक करें |
गौरव कृष्ण शास्त्री जी महाराज | क्लिक करें |
पूज्य राजन जी महाराज | क्लिक करें |
आज के इस लेख में हमने आपको भागवत कथा का खर्च के विषय में बताया जिसमें से कुछ प्रसिद्ध कथा वाचक के बारे में और उनकी भागवत कथा का खर्च के लिंक भी दिए हैं। जिसके माध्यम से आप भागवत कथा के खर्च के बारे में जान सकते हैं। इसी प्रकार भारत के अलग अलग स्थानों में और भी भागवत कथा वाचक हैं जिनके बारे में हम आपको आगे भी बताते रहेंगे।