यदि आप या आपके घर का कोई भी सदस्य किसी भी प्रकार के रोग या बीमारी से पीड़ित है तो उसे शुक्रवार के दिन एक पात्र में दूध और जल मिलाकर अवधूतेश्वर महाराज के नाम से शमी के पेड़ पर अर्पित करे।  

अगर कोई भी व्यक्ति किसी भी रोग से पीड़ित है और ये उपाय नहीं कर सकता तो घर का कोई भी दूसरा सदस्य उस व्यक्ति के नाम का स्मरण करके उसके स्वस्थ्य होने की कामना करते हुए 

अवधूतेश्वर महाराज को स्मरण करते हुए इस दूध और जल के मिश्रण को शमी के पेड़ पर अर्पण कर सकता है। यदि आप बीमार न भी हो और अपने अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते है तो भी आप ये उपाय कर सकते हैं। 

अगर आपके घर में किसी न किसी को बीमारी है या एक के ठीक होने पर कोई और बीमार हो जाता है तो आप पंडित जी द्वारा बताये गए इस उपाय को कर सकते हैं। 

आपको करना यह है की आप जब भी शिव जी के मंदिर जाये तो शिवलिंग पर गाय का घी चढ़ाएं। इससे आपके घर के रोग दूर हो जायेंगे। 

इसके अलावा अगर आपके घर में कोई बीमार है तो आप दूध, काले तिल, थोड़ा सूखा आंवला और बेल के फल को लेकर उसे पीसकर उसका उबटन बना ले। 

अब इस उबटन को और एक कलश जल को लेकर बीमार व्यक्ति के हाथ का स्पर्श करवा कर शिवलिंग का अभिषेख करें। इससे भी आपके घर की बीमारी दूर हो जाती है। 

संतान प्राप्ति के लिए पंडित प्रदीप मिश्रा जी बताते है कि पुत्रदा एकादशी वाले दिन भगवान शंकर की पूजा करके एक कटोरी में घी और एक कटोरी में खीर को चढ़ाया जाए। 

भगवान शंकर के मंदिर की चौखट पर घी का दिया जलाये। अब भगवान शंकर पर चढ़ी दो बेलपत्र को उठाये जिसमे से एक अपने पास रखे और दूसरी को मंदिर की चौखट पर बैठकर चबा चबा कर खाए 

और पास रखी दूसरी बेलपत्र को अपने पति को खिला दे। प्रदीप मिश्रा जी कहते है की पुत्रदा एकादशी वाले दिन ये उपाय कर लेने से संतान की प्राप्ति होती है। 

किसी भी दंपत्ति को अगर संतान नही हो रही हो तो पंडित प्रदीप जी बताते है कि उस स्त्री को उसके रजस्वला धर्म के 7वे दिन 

पति और पत्नी दोनो को सफेद आंकड़े की जड़ को लेकर तुमरूक जी का नाम लेकर शिवलिंग के ऊपर से 21 बार घुमा कर उस जड़ को उसी मंदिर में शिवलिंग का दर्शन करते हुए 

लाल धागे से स्त्री की कमर पर बांध लें। शिव के दर्शन और ये उपाय करते समय पति पत्नी दोनो को एक साथ उपस्थित रहना और मन में विश्वास और आस्था के साथ इस उपाय को करना है। 

प्रदीप मिश्रा जी बताते है कि यदि आपके कमर में, पीठ में, घुटने में, सरदर्द या शरीर में कहीं पर भी तकलीफ हो तो 6 दिन रोज एक बेलपत्र को रात होने से पहले चबा चबा कर खा लें।