रुद्राक्ष की उत्पत्ति स्वयं भगवान शिव जी के अश्रुओं अर्थात आंसुओं से हुई है। रुद्राक्ष एक ऐसा आभूषण है जिसे स्वयं भगवान शिव धारण करते हैं।
रुद्राक्ष 21 मुखी तक होते हैं. लेकिन 11 मुखी तक के रुद्राक्ष को अधिक पहना जाता है। रुद्राक्ष को आभूषण के रूप में, गृह शांति के लिए एवं अध्यात्मिक लाभ के लिए पहना जाता है। रुद्राक्ष पहनने के भी अलग-अलग कारण होते है।
असली रुद्राक्ष पेड़ पर होता है। रुद्राक्ष का वृक्ष किसी अन्य पेड़ की तरह ही होता है इसकी पत्तियां लम्बी होती हैं। रुद्राक्ष के वृक्ष में सफ़ेद रंग के फूल होते हैं।
इन्ही फूलों से फल निकलता है। इन फलों को छीलने से जो गुठली निकलती है वही असली रुद्राक्ष होता है।
रुद्राक्ष के फल पकने पर अपने आप ही पेड़ से गिर जाते हैं। इसके बाद इन फलों को पानी में या तेल में कुछ घंटो के लिए डाल दिया जाता है। जिससे इसके फल आसानी से गुठली के रूप में रुद्राक्ष प्राप्त होता है।
आज के समय में बाज़ार में फाइबर प्लास्टिक के नकली रुद्राक्ष भी बनाये जाते है। जो देखने में बिलकुल असली जैसे ही लगते हैं। लेकिन इसको पहचानने के लिए कुछ उपाय भी होते हैं। आइये जानते हैं।
असली रुद्राक्ष की पहचान करने के लिए रुद्राक्ष को पानी में डालिए। यदि रुद्राक्ष नहीं डूबता है तो वह नकली होगा। यदि रुद्राक्ष डूब जाता है तो वह रुद्राक्ष असली होगा।
असली रुद्राक्ष को तेल में डालने पर वह अपना रंग कभी नहीं छोड़ता है। बल्कि नकली रुद्राक्ष तेल में डालने पैर अपना रंग छोड़ देता है।
असली रुद्राक्ष तो आपको पेड़ों पर ही मिल सकता है। रुद्राक्ष के पेड़ भारत के हिमालय प्रदेशों में अधिक पाए जाते हैं। यहाँ आपको वन्य क्षेत्रों में रुद्राक्ष के पेड़ दिखेंगे जहाँ से आप असली रुद्राक्ष प्राप्त कर सकते हैं।
इसके अलावा भारत के असम, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, बंगाल, हरिद्वार, गढ़वाल, देहरादून के जंगली क्षेत्रों में और दक्षिण भारत के कर्णाटक, मैसूर, तथा नीलगिरी के पर्वतों पर भी रुद्राक्ष के वृक्ष देखने को मिलते हैं।
अगर आप पर्वतों से असली रुद्राक्ष नहीं प्राप्त कर सकते है तो आपको उत्तर और दक्षिण भारत के मंदिरों में असली रुद्राक्ष के फल बिकते हुए मिल जायेंगे।
आप यहाँ से भी असली रुद्राक्ष के फल खरीद सकते हैं। इसके अलावा आप ऑनलाइन भी असली रुद्राक्ष के फल खरीद सकते हैं। जिसे आप घर पर ही साफकर के धारण कर सकते हैं।