Grain ATM in hindi 2023 : ग्रेन एटीएम मशीन क्या है? उससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण व रोचक जानकारी।

Grain ATM Machine

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आपने बैंकों में लगे एटीएम को तो देखा ही होगा जिसके जरिए हम खुद ही एटीएम कार्ड लगाकर रुपए निकाल सकते है और हमारा ज्यादा समय भी बर्बाद नहीं होता है। इसी तरह से खाद विभाग ने भी अनाज वितरण में लगने वाली लंबी लाइन और अनाज में कटौती की समस्या को ध्यान में रखते हुए ग्रेन एटीएम को लॉन्च किया है। तो आइए जानते है क्या है ये ग्रेन एटीएम और किस प्रकार से ये काम करता है –

ग्रेन एटीएम मशीन क्या है?

ग्रेन एटीएम मशीन

ग्रेन ATM मशीन एक ऑटोमैटिक अनाज वितरण मशीन है ये उसी तरह से काम करती है जिस तरह से बैंक के एटीएम काम करते हैं। दरअसल इस मशीन को यू एस (संयुक्त राष्ट्र) के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के तहत स्थापित किया गया है। इसका नाम “अन्नपूर्ति” रखा गया है। इसमें टच स्क्रीन और बायोमैट्रिक का सिस्टम भी लगाया गया है। ग्रेन ATM मशीन के जरिए राशन कार्ड धारकों को सरकार से मिलने वाला राशन प्राप्त कराया जाएगा। ग्रेन ATM मशीन से अनाज प्राप्त करने के लिए लाभार्थियो को अपना यूनिक राशन कार्ड नंबर या आधार कार्ड नंबर मशीन में दर्ज करना होगा इसके पश्चात ही उन्हें राशन मिल सकेगा। 

प्रधानमन्त्री गरीब अन्न कल्याण योजना के तहत देश का पहला ग्रेन एटीएम गुरुग्राम के फर्रुखनगर राशन डिपो में लगाया गया है। जिसे हरियाणा सरकार ने एक पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर लगाया है इस पायलट प्रोजैक्ट की सफलता के बाद  इसे अन्य राज्यों और शहरो के राशन कोटो पर भी स्थापित किया जाएगा। इस एटीएम से आप एक मिनट में करीब आप 10 किलो तक अनाज निकल सकेंगे।

ग्रेन एटीएम मशीन का उद्देश्य

राशन बाटने के लिए ग्रेन एटीएम मशीन लगाने के पीछे सरकार का सबसे बड़ा उद्देश्य अन्न वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाना तथा अनाज की धांधली को रोकना है। कई बार कोटेदार लाभार्थियो को पूरा राशन न देकर अनाज में कटौती कर लेता है और उसे ऊंचे दामों में बेच देता है। इससे उपभोक्ताओं द्वारा राशन की कमी में शिकायत मिलती है जिस कारण से अनाज के ठीक तरह से वितरण के लिए सरकार द्वारा ग्रेन ATM मशीन प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इससे आप राशन कोटो पर लंबी लाइन से बचेंगे क्योंकि राशन के लिए लाभार्थिओं को लंबी लाइन में लगना पड़ता है जिसमें पहले कोटेदार उपभोक्ताओं का बायोमैट्रिक फिंगरप्रिंट लेता है फिर उन्हें राशन दिया जाता है इससे काफी समय भी बर्बाद हो जाता है।

ग्रेन एटीएम मशीन कैसे काम करती है।

ग्रेन एटीएम मशीन एक ऑटोमैटिक और हाईटेक मशीन है जो टच स्क्रीन और बायोमैट्रिक फिंगरप्रिंट आइडेंटिटी से लैस है। इसमें दो चैम्बर हैं जिसमें से गेहूं और चावल रखा गया है। डिसिकेशन के लिए मशीन ने ऊपर की ओर दो लाईट्स लगी हुई है गेहूं के लिए “लाल” और चावल ले लिए “हरी” । इस एटीएम मशीन के द्वारा राशन कार्ड धारक स्वयं ही अपना राशन कार्ड नंबर और फिंगरप्रिंट लगाकर अनाज प्राप्त कर सकता है।

ग्रेन एटीएम मशीन से अनाज प्राप्त करने के लिए सबसे पहले उपभोक्ता को अपना राशन कार्ड नम्बर मशीन की स्क्रीन पर डालना होगा उसके बाद अपना फिंगरप्रिंट लगाना होगा। फिंगरप्रिंट लगाने के बाद उपभोक्ता को जानकारी और उसे दिए जाने वाले अनाज और उसकी माप की जानकारी स्क्रीन पर दिखाई देने लगेगी। फिर उसी माप के अनुसार मशीन से अनाज प्राप्त किया जा सकता है।

ग्रेन एटीएम मशीन कहाँ लगायी जाएगी?

ग्रेन एटीएम मशीन जिसका नाम अन्नपूर्ती रखा गया है हरियाणा के गुरुग्राम के फर्रुखनगर में एक सरकारी राशन की दुकान पर लगाया गया है। ये भारत का पहला ग्रेन ATM है। इसके अतरिक्त देश में अभी तक सिर्फ ऐसे 9 एटीएम लगाए गए है जिनमे से लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर जैसे शहरो में 1- 1 एटीएम लगाया गया है। दरअसल अभी इसे एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लगाया है लेकिन इसकी पूर्णतया सफलता के बाद धीरे धीरे इसे अन्य प्रदेशों व शहरो में सरकारी राशन कोटो पर भी स्थापित किया जाएगा।

ग्रेन एटीएम मशीन कितने की है?

समाचार एजेंसी और जिला पूर्ति अधिकारी सुनील सिंह के मुताबिक ग्रेन एटीएम मशीन की अनुमानित कीमत लगभग 12-15 लाख रूपए है।

ग्रेन एटीएम मशीन से जुड़ी रोचक जानकारी और उनसे होने वाले लाभ

बैंको में लगे ATM की तरह ही उपभोक्ता ग्रेन ATM को भी इंडिविजुअल तरीके से इस्तेमाल कर सकता है। एक बार में सिर्फ एक व्यक्ति सुरक्षित रूप से इस्तेमाल कर सकता है।

ग्रेन एटीएम से 1 मिनट में करीब 10 किलो tk अनाज निकला सकते हैं इस प्रकार 5 से 7 मिनट में करीब 70 किलो तक अनाज प्राप्त किया जा सकता है।

इसकी मदद से कोटा होल्डर को कुल राशन के वितरण की माप और स्टॉक में बचे अनाज की माप का भी पता रहेगा।

राशन बाटने में ज्यादा मेहनत और समय भी नही लगेगा। 

उपभोक्तओ के राशन के लिए लंबी लाइन में नही लगना पड़ेगा और उनके समय की बचत होगी।

कार्ड धारकों की अनाज के कम मिलने की समस्या भी दूर हो जाएगी।

सरकारी राशन कोटो में हो रहे अनाज के घोटाले को भी रोका जा सकेगा।

सरकारी कोटो पर राशन की काला बाजारी और उपभोक्ताओ को राशन काम देने की शिकायत आती रहती हैं। इसके अलावा पुलिस और आपूर्ति विभाग की छापेमारी में भी कई बार राशन का अनाज पकड़ा जाता था जिसका जिम्मेदार डीलर होता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए  एटीएम से अनाज वितरण को बढ़ावा दिया गया है। उपभोक्ताओं की शिकायतों में कमी होगी तथा उसे सही माप के अनुसार अनाज दिया मिल पाएगा।

ग्रेन एटीएम मशीन कहाँ लगायी गयी है ?

भारत का पहला ग्रेन ATM हरियाणा के गुरुग्राम के फर्रुखनगर में एक सरकारी राशन की दुकान पर लगाया गया है। इसके अलावा देश में अभी तक सिर्फ ऐसे 9 एटीएम लगाए गए है। इस मशीन को और भी पुरे भारत की सभी राशन की दुकानों में लगाया जायेगा।

ग्रेन एटीएम मशीन का नाम क्या रखा गया है ?

ग्रेन एटीएम मशीन का नाम अन्नपूर्ति रखा गया है।

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