कोरोना का संकट अभी खत्म नहीं हुआ है जिसने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। लेकिन इसकी रोकथाम के लिए बहुत से देशों ने Corona Vaccine का टीकाकरण शुरू कर दिया है, जिसमें भारत भी शामिल है। यह एक राहत की खबर है कि भारत में कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई है। यह भारत जैसे देश के लिए किसी उपलब्धि से कम नहीं की एक साल के भीतर ही कोरोना का टीका विकसित किया और उत्पादन भी शुरू कर दिया।
वैक्सीन क्या है?
1. वैक्सीन हमारे शरीर को किसी संक्रमण , वायरस और बीमारी से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है।
2. वैक्सीन हमारे शरीर राेग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती है और संक्रमण , वायरस और बीमारी से लड़ने के लिए शरीर के अंदर एंटीबॉडी को बनाती है।
3. वैक्सीन का हमारे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव तो नहीं पड़ता है लेकिन कुछ लोगों इसके साइड इफेक्ट का सामना करना पड़ सकता है।
4. वैक्सीन लगने के कुछ वक्त बाद किसी भी बीमारी से लडने की रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है।
5. वैक्सीन बहुत शक्तिशाली होती है यह दवाओं के विपरीत बीमारी का इलाज नहीं करती है बल्कि बीमारी को होने से रोकती है और हमारे शरीर को बीमारी से लड़ने की क्षमता प्रदान करती है।
कई देशों के द्वारा विकसित की गई Corona Vaccine
कई देशों ने कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए कोरोना की वैक्सीन को बनाया है। चीन की दवा कम्पनी सिनोवैक ने कोरोना-वैक नाम की वैक्सीन को बनाया है जिसे चीन, मलेशिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर और फिलीपिंस में उतारा गया है। इस वैक्सीन को पारम्परिक तरीके से बनाया गया है। कम्पनी ने इसको बनाने के लिए वायरस के निष्क्रिय अंशो का इस्तेमाल किया गया है।
भारत में भी दो टीके तैयार किए गए है एक का नाम कोवैक्सीन है जिसे भारतीय कम्पनी भारत बायोटेक ने तैयार किया है और दूसरा टीका एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा बनाया गया है जिसका नाम कोविशिल्ड है इसका उत्पादन सीरम इंस्टीटयूट ऑफ इंडिया द्वारा किया जा रहा है।
रूस ने भी अपनी वैक्सीन तैयार की है जिसका नाम स्पूतनिक-5 है। इस टीके का इस्तेमाल अर्जेटीना मे हो रहा है। अर्जेटीना ने अपने टीकाकरण अभियान के लिए इसकी तीन लाख डोज मंगवाई है।
फाइजर और बायोएनटेक ने सबसे पहले कोरोना वैक्सीन तैयार की थी जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आपातकाल इस्तेमाल की मंजूरी दे दी थी। इसका इस्तेमाल सबसे पहले ब्रिटेन ने अपने टीकाकरण अभियान के साथ की थी।
भारत में टीकाकरण अभियान-
यह दुनिया का सबसे बड़ा टीका अभियान होगा। यह भारत जैसे देश के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है क्योंकि टीके की उपलब्धता, टीके का रखरखाव और टीके की सभी जगह तक पहुँच यह हमारे लिए आसान काम नही होगा। हालांकि टीकाकरण अभियान भारत के लिए कोई नई बात नहीं है क्योंकि भारत के चिकित्साकर्मियों को खसरा, पोलियों आदि टीकाकारण का अनुभव है।
पीएम मोदी ने कहा, सामान्य तौर पर किसी टीके को बनाने में कई वर्ष लग जाते है लेकिन भारत में दो वैक्सीन बन चुकी है इसके अलावा अन्य वैक्सीन के निर्माण के लिए काम अभी चल रहा है। उन्होंने ने लोगों से कहा है कि वेक्सीन की दो डोज लेना जरूरी है। एक्सपर्ट का मानना है कि दोनों डोज के बीच कम से कम एक महीने का अंतर होना चाहिए।
भारत में टीकाकरण अभियान का पहला चरण –
उन्होंने कहा सबसे पहले चरण में हमारे डाक्टर्स, नर्स, पैरा मेडिकल स्टॉफ, एम्बुलेंस ड्राइवर, पुलिस कर्मी, सफाई कर्मचारी, आशा वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को सबसे पहले प्राथमिकता दी जाएगी क्योंकि इन्होंने कोरोना महामारी के समय में मानवता के प्रति अपने दायित्व को निभाया वह सराहानीय है।
भारत में टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण –
दूसरे चरण में वृद्धजनों के लिए टीकाकरण का प्रारम्भ दिनांक 01 मार्च 2021 से हुआ। जिसमें 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वृद्धजनों को इस टीकाकारण की दोनों डोज़ दी जाएँगी। भारत के प्रधानमंत्री Narendra Modi जी ने भी इस दिन दिल्ली के AIIMS में जाकर Corona Vaccine की पहली डोज़ लगवाई। इसके साथ ही भारत के अन्य राजनीतिक नेताओं ने भी कोरोना वैक्सीन की पहली डोज़ लगवाई। मोदी जी ने भारत के सभी नागरिकों से ये अपील भी की कि सभी इस वैक्सीन को लगवाए यह सुरक्षित है।
भारत पड़ोसी देशों को मुफ्त भेज रहा Corona Vaccine-
भारत एक सच्चे दोस्त के रूप में अपने फार्मा का उपयोग वैश्विक समुदाय की मदद के लिए कर रहा है। भारत ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए वैक्सीन बनाकर एक बड़ी सफलता प्राप्त की है। भारत की दो वैक्सीन भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीटयूट की कोविशिल्ड की पूरी दुनिया में मांग है। भारत में 16 जनवरी से टीकाकरण प्रारम्भ हो चुका है और इसके साथ ही भारत दूसरें मुल्कों की भी मदद कर रहा है।
भारत अपनी वैक्सीन को बांग्लादेश, नेपाल, मालदीव और भूटान जैसे देशों को मुफ्त में वैक्सीन उपलब्ध करा रहा है जिसे आगे भी कई और देशों को भेजी जाएगी। भारत ने ब्राजील को भी अपनी वैक्सीन भेजी है जिसका आभार ब्राजील के राष्ट्रपति बोलसोनारों ने ट्विटर पर व्यक्त किया। उन्होंने हनुमान जी की संजीवनी बूटी ले जाते हुए फोटो ट्विट की। इसकी प्रशंसा अमेरिका ने भी की है।
कोवैक्सीन के लिए जारी की गई फैक्टशीट-
भारत बायोटेक ने एक फैक्टशीट के माध्यम से बताया है कि ऐसे लोग कोवैक्सीन का रीका न लगवाएं जिन्हें किसी गम्भीर बीमारी, बुखार और एलर्जी की शिकायत हो। साथ ही जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है। इसके पहले सरकार की ओर कहा गया था कि जिन मरीजों की इम्यूनिटी कमजोर है उनको भी टीका लगाया जा सकता है।
भारत बायोटेक ने अपनी फैक्टशीट में यह भी सुझाव दिया है कि अगर किसी व्यक्ति को कोवैक्सीन लगने के बाद किसी में कोविड-19 के लक्ष्ण दिखते है उन्हें RT-PCR टेस्ट कराना होगा। इसमें यह भी कहा गया है कि इसकी संभावना बहुत कम है कि किसी को कोवैक्सीन लेने के बाद शरीर में कमजोरी , एलर्जी, सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याएं पैदा हो।
फैक्टशीट में यह भी बताया गया है कि अगर किसी को कोवैक्सीन लगने के कुछ घंटाे के बाद यदि किसी प्रकार का साइड इफेक्ट दिखे तो इसकी जानकारी दे और यदि वैक्सीन के लगने से पहले या बाद में कोई दवा ली हो इसकी भी जानकारी दें। यदि वैक्सीन लगने के बाद किसी व्यक्ति को स्वास्थ संबंधी समस्या होती है तो उसे सारी सुविधाएँ प्रदान की जाएगीं।
कौन से लोग न लगवाए Corona Vaccine –
• जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है
• गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं न लगवाए
• जो व्यक्ति किसी गम्भीर बीमारी से ग्रसित है
• बुखार , एलर्जी और ब्लीडिंग डिसऑर्डर से ग्रसित लोग
इस लेख में जो बातें कोरोना वैक्सीन के संदर्भ में बताई गई वह आपको जरूर जाननी चाहिए क्योंकि जो लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर भय का वातावरण है उसे दूर कर सके और लोग टीकाकरण के प्रेरित हो। अगर आप कोरोना का टीका लगवाने जा रहे है तो डॉक्टर से एक बार जरूर सलाह लें और उससे संबंधित बातें जरूर जान लें।