एक महान योद्धा होने के बाद भी Karn को अंत समय में बहुत दुखद मृत्यु प्राप्त हुई। इसके पीछे का कारण Karn ke shaap को बताया जाता है। आज इस लेख में उन शाप के विषय में बताया गया है। तो आइए जानते हैं।
महाभारत के युद्ध में बहुत से योद्धाओं ने अपना पराक्रम दिखाया था। उसी में से एक थे महावीर,दानवीर कर्ण जो माता कुंती के पुत्र थे। माता कुंती ने Karn को सूर्यदेव से प्रसाद के रूप में प्राप्त किया था। लेकिन उस समय अविवाहित होने के कारण उन्होंने कर्ण को एक टोकरी में रखकर नदी में बहा दिया था। फिर उनका पालन पोषण एक सूत परिवार ने किया। भीष्म पितामह के रथ के सारथी अधिरथ सुशेन और उनकी पत्नी राधा कर्ण के माता पिता कहलाये।
पृथ्वी माता द्वारा दिया गया Karn ke shaap
Karn ke shaap की पहली घटना इस प्रकार थी. एक बार की बात है कर्ण कहीं जा रहे थे उनको रस्ते में एक कन्या रोती हुई दिखाई दी उन्होने जब उससे इसका कारण पुछा तो उसने बताया की उसका घी धरती पर गिर गया है अब अगर वह घी लेकर घर नहीं गयी तो उसकी सौतेली माँ उसको बहुत मारेगी इसपर Karn ने उस कन्या पर दया दिखाई और जहाँ घी पड़ा था.
वहां की मिटटी को अपनी मुट्ठी में पकड़कर निचोड़कर घी निकलकर उस कन्या को दे दिया जिसे वह बहुत खुश हुई और अपने घर को चली गयी लेकिन धरती माता को इससे बहुत कास्ट सहना पड़ा तब उन्होंने कर्ण को शाप दिया की ” जीवन में एक ऐसा समय आयेगा जब मैं भी उसी प्रकार तुम्हारे रथ को पकड लूंगी जिस प्रकार तुमने मुझे पकड़ा है
गुरु परशुराम द्वारा दिया गया शाप
महाभार्गव भगवान परशुराम ने प्रण लिया था की वे केवल ब्राम्हणों को ही शस्त्र विद्या का ज्ञान देंगे लेकिन कर्ण ने उनसे झूठ बोला की वह ब्राम्हण है और उनसे विद्या प्राप्त की परन्तु एक दिन जब भगवन परशुराम को पता चला की कर्ण एक सूत पुत्र है तो उन्होंने कर्ण से कहा की “तुमने मेरे साथ छल किया है और छल से प्राप्त किया हुआ धन और ज्ञान कभी साथ नहीं देते हैं तुम्हे भी ये शाप भोगना होगा तुम्हारे जीवन के किसी निर्णायक युद्ध में तुम अपना सारा ज्ञान भूल जाओगे”
ब्राम्हण द्वारा दिया गया शाप
एक बार कर्ण शब्द भेदी बाण का अभ्यास कर रहे थे तब उन्होंने अपना शब्द भेदी बाण चलाया जो एक गाय को लग गया वह गाय एक ब्राम्हण की थी तब दुखी ब्राम्हण ने कर्ण को शाप दिया की तुम भी युद्ध में ऐसे ही मारे जाओगे
इन सभी शापों के कारण कर्ण को महाभारत युद्ध में इस प्रकार मारा गया Karn महाभारत युद्ध के अंतिम समय में अपनी सारी शस्त्र विद्या भूल गया था जो शाप उसे परशुराम ने दिया था और पृथ्वी माता के शाप के कारण उसके रथ का पहिया भूमि में धस गया था जिसे वह निकाल नहीं पाया था और इसी क्षण का लाभ उठाकर भगवान कृष्ण ने अर्जुन को उसे मारने को कहा था जब उस ब्राम्हण का शाप उसे बाण बनकर लगा और उसकी मृत्यु हो गयी