Online Railway Ticket Booking कैसे करें? IRCTC मनचाही सीट क्यों नहीं देता ?

Online Railway Ticket Booking

Online Railway Ticket Booking कैसे करें?, IRCTC से ऑनलाइन रेलवे टिकेट कैसे बुक करें, ऑनलाइन रेलवे सीट बुकिंग का तरीका, IRCTC हमें सीट चुनने की अनुमति क्यों नहीं देता है?, आदि IRCTC से जुडी सभी जानकारी जान्ने के लिए आगे पढ़ें.

अक्सर आपने रेल द्वारा यात्रा करने के लिए ऑनलाइन या विंडो रिजर्वेशन करवाया ही होगा लेकिन आपको रिजर्वेशन करने पर सीट चुनने का विकल्प तो दिया होता हैं परंतु मनचाही सीट नहीं मिल पाती है. इसके पीछे का क्या कारण होता है? IRCTC हमें मनचाही सीट चुनने की अनुमति क्यों नहीं देता और हम IRCTC.com द्वारा ऑनलाइन रेलवे टिकेट कैसे बुक कर सकते हैं? जानने के लिए आगे पढ़ें?

IRCTC Online Railway Ticket Booking कैसे करें?

ऑनलाइन रेलवे टिकेट स्वयं से बुक करने के लिए आपको IRCTC.कॉम की वेबसाइट पर जाना होगा. सबसे ज़रूरी यह है की आपकी IRCTC की वेबसाइट पर एक ID बनी होनी चाहिए. जिसके लिए आप नीचे दिए गए Video से अपनी IRCTC ID बना सकते हैं.

IRCTC रेल टिकेट में मनचाही सीट क्यों नहीं देता?

अक्सर जब हम IRCTC वेबसाइट के माध्यम से सीट बुक करते हैं, तो IRCTC हमें मनचाही सीट चुनने का विकल्प तो देता है लेकिन आखिर में मनचाही सीट हमें नहीं मिल पाती और हम IRCTC को दोष देते है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि IRCTC के ऐसा करने के पीछे का तकनीकी कारण भैतिक विज्ञान से जुडा हुआ है. आइये जानते हैं…

जब कभी हम थिएटर में फिल्म देखने के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग करते हैं तो आप जो सीट बुक करते हैं वही सीट मिल जाती है क्योकि थिएटर एक स्थिर जगह होती है लेकिन ट्रेन एक चलने वाला वाहन है. ऐसे में रेलवे को यात्रियों की सुरक्षा के लिए इस प्रकार की यात्रियों के बैठने की व्यवस्था करनी पड़ती है.

IRCTC का सीट बुकिंग सॉफ्टवेयर कुछ इस प्रकार बनाया गया है कि जिससे की यात्रियों की सुरक्षा को मद्देनज़र रखते हुए रेल में संतुलन बना रहे. यह एक आटोमेटिक बुकिंग सिस्टम पर आधारित होता है जिसमें ट्रेन पर पड़ने वाले सामान लोड वितरण के आधार पर सीट बुकिंग होती है.

IRCTC रेल सीट बुकिंग सिस्टम क्या है

IRCTC Online Railway Ticket Booking system

एक उदाहरण के तौर पर समझिये कि S1, S2 S3… S10 नंबर वाली ट्रेन में स्लीपर क्लास (शयनयान) के कोच हैं और प्रत्येक कोच में लगभग 72 सीटें हैं। अब आप यदि सबसे पहले सीट बुक करवाएंगे तो IRCTC का सॉफ्टवेयर आपको मध्य वाले कोच में आपकी एक सीट बुक (आवंटित) कर देगा. आपको आपकी वह सीट S5 कोच में 30-40 नंबर की सीट के बीच में निचली बर्थ (सीट) में प्राप्त हो सकती है. इसी प्रकार जब कोई आखिर में रेलवे टिकट बुक करता है तो उसे एक ऊपर की बर्थ (सीट) आवंटित कर दी जाती है.

IRCTC सॉफ्टवेयर कुछ इस तरह से सीटें बुक करता है कि सभी कोचों में एक समान यात्री वितरण हो और सीटें बीच की सीटों (36) से शुरू होकर गेट के पास की सीटों तक यानी 1-2 या 71-72 से निचली बर्थ से ऊपरी तक पूरी सीटें भरी जा सकें।

रेलवे Online Railway Ticket Booking में सबसे पहले ऊपरी बर्थ (सीटों) को बुक करने के बजाय निचली सीटों को आवंटित करता है जिससे की कम गुरुत्वाकर्षण केंद्र प्राप्त किया जा सके. रेलवे किसी भी ट्रेन में सामान भार वितरण को सुनिश्चित करना चाहता है जिससे की चलती हुई ट्रेन में संतुलन बना रहे.

जरा सोचिये कि अगर रेलवे बिना किस सुनिश्चित तरीके से लोगों को मनचाही जगह पर टिकेट देने लगे तो क्या होगा ?

रेलगाड़ी एक चलायमान वाहन है जो लोहे की पटरी पर लगभग 100 किमी / घंटा की गति से चलती है। इसलिए चलती हुई ट्रेन में बहुत सारे बल और यांत्रिकी काम कर रहे होते हैं।

अब देखिये अगर S1, S2, S3 पूरी तरह से भरे हुए हैं, और S5, S6,S7 पूरी तरह से खाली हैं और अन्य डिब्बे आंशिक रूप से भरे हुए हैं यानी की उसमें कुछ ही लोग सफर कर रहे हैं। तब जब रेलगाडी एक मोड़ लेगी, तो कुछ डिब्बे अधिकतम (Centrifugal force) का सामना करते हैं और कुछ न्यूनतम, और ऐसे में रेलगाड़ी के पटरी से उतरने की संभावना बढ़ जाती है। यह एक बहुत बड़ा तकनीकी पहलू है और जब ब्रेक लगाए जाते हैं तो कोच के वजन में काफी अंतर होने के कारण प्रत्येक कोच में अलग-अलग ब्रेकिंग फोर्स काम करती हैं. ऐसे में ट्रेन को ठीक प्रकार से रोकने में परेशानी होगी.

अक्सर यात्री रेलवे को उन्हें आवंटित असुविधाजनक सीटों/बर्थों के लिए दोष देते हैं। परन्तु रेलवे यात्रियों के लिए सुविधाजनक और सुरक्षित सफर को पूरा करने की लगातार कोशिश करता रहता है. आज के इस लेख के माध्यम से आप समझ सकते हैं की Online Railway Ticket Booking में आपको मनचाही सीट क्यों नहीं मिल पाती है. अगर आपको यह जानकारी अची लगी तो हमें कमेंट करके बताये और किसी सुझाव के लिए हम आपके कमेंट का सम्मान करते हैं.

Hindiexplore home

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *