RO (Reverse Osmosis) Water purifier का इस्तेमाल आजकल एक चलन सा बन गया है। ऐसा इसलिए हो रहा है कि क्योंकि बहुत -सी जगहों पर पानी पीने योग्य नहीं है इसलिए RO लगवाना लोगों की मजबूरी भी है। बहुत से लोगों का मानना है कि RO का पानी शत प्रतिशत शुद्ध होता है लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं होता है क्योंकि RO पानी की गंदगी के साथ-साथ मिनरल्स भी निकाल देता है जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होते है। मिनरल्स की कमी से बहुत सी बीमारियाँ हो सकती है जैसे लिवर , किडनी , बीपी , दिल और हड्डी की बीमारी हो सकती है।
पीने योग्य पानी का पैमाना
किसी देश में उसकी जलवायु और कई दूसरे मानकों के आधार पर पानी का TDS (total dissolved solids) तय किया जाता है। जिन जगहों पर पानी का TDS 500 मिलीग्राम से कम हो उस पानी को पीने योग्य समझा जाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO के अनुसार अगर पानी में TDS की मात्रा 300 मिलीग्राम से कम है तो उसे सबसे अच्छा पानी पीने योग्य माना जाता है और अगर पानी में TDS की मात्रा 900 मिलीग्राम से ज्यादा हो तो उसे पीने योग्य नहीं माना जाता है।
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RO के पानी के नुकसान-
RO के द्वारा जब पानी को फिल्टर किया जाता है तो पानी में घुले अच्छे और बुरे कण निकल जाते है और पानी से मिनरल्स भी निकल जाते है, जिसका हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। मिनरल्स न होने के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्यांए हो सकती है जो इस प्रकार है-
1 . केल्शियम की कमी से हड्डियों का कमजोर होना, जिसके कारण ऑस्टियोपोरोसिस तक हो जाता है।
2 . पोटैशियम की कमी से शरीर में कमजोरी हो जाती है और मांसपेशियां सही से काम नहीं करती है जिसका असर दिल पर पड़ता है।
3 . सोडियम की कमी से बीपी लो हो जाता है।
4 . मैग्नीशियम की कमी से हमारे शरीर के ब्लड फ्लो में कमी आ जाती है।
5 .आयरन हमारे शरीर के हिमोग्लोबिन के लिए बहुत जरूरी है इसकी कमी से एनीमिया हो जाता है।
RO से पानी की बर्बादी-
RO प्रणाली के फायदे और कुछ नुकसान भी है जिसमें सबसे बड़ा नुकसान पानी की बर्बादी है। जब हम लोग RO के द्वारा पानी को फिल्टर करते है तो 3 लीटर में से 1 लीटर पानी साफ निकलता है और 2 लीटर बर्बाद चला जाता है
और अशुद्ध पानी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है उसे फेंक दिया जाता है जिससे बहुत अधिक मात्रा में पानी की बर्बादी होती है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि जहां पर पानी में TDS की मात्रा 500 मिली ग्राम प्रति लीटर से ज्यादा न हो वहां पर RO की जरूरत नहीं होती है।
RO के इस्तेमाल से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें जो आपको याद रखनी चाहिए
1 . RO की हर 5 महीने पर सर्विसिंग करानी चाहिए क्योंकि इसके अंदर के फिल्टर खराब हो जाते है।
2 . RO की सर्विसिंग न होने पर पानी का टीडीएस बढ़ जाता है।
3 . RO में लगा फिल्टर मेंब्रेन के सही न होने के कारण पानी में संक्रमण हो जाता है।
4 . RO के फिल्टर सिस्टम में खराबी होने के कारण पानी से मिनरल्स निकल जाते हैं।
5 . RO के पानी टैंक और पाइप की नियमित रूप से साफ सफाई करनी चाहिए ताकि साफ पानी मिल सके।
6 . RO को धूल मिट्टी से बचाना चाहिए और जहां से पानी निकलता है उसे साफ रखना चाहिए।
7 . RO में अब TDS कंट्रोलर लगे होते है जिसके द्वारा हम पानी में TDS की मात्रा कंट्रोल कर सकते है।
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