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मध्य प्रदेश से जुड़े रोचक तथ्य : Madhya Pradesh Facts in Hindi
मध्य प्रदेश राज्य का गठन 1 नवंबर 1956 में हुई थी।
भारत के मध्य में स्थित होने के कारण इस प्रदेश को मध्य प्रदेश के नाम से जाना गया।
मध्य प्रदेश को मध्य भारत, हृदय प्रदेश, लघु भारत, सोया राज्य, सोयाबीन स्टेट, टाइगर स्टेट एवं भारत का दिल भी कहा जाता है।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल है। भारत की स्वतंत्रता से पहले इसकी राजधानी नागपुर थी। भोपाल में ही मध्य प्रदेश का पहला सौर ऊर्जा उत्पाद केंद्र स्थापित किया गया था।
मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री, पं.रवि शंकर शुक्ल थे, और पहली राज्यपाल, डॉ॰ पट्टाभी सीतारमय्या थी, तथा प्रथम विधानसभा अध्यक्ष कुंजीलाल दुबे थे। वर्तमान में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी हैं।
मध्य प्रदेश की प्रथम महिला मुख्यमंत्री उमा भारती थी।
मध्य प्रदेश की प्रथम महिला न्यायाधीश सरोजनी सक्सेना थी।
मध्य प्रदेश की प्रथम महिला राज्यपाल सरला ग्रेवाल थी।
मध्य प्रदेश की प्रथम महिला विपक्ष नेता जमुना देवी थी।
मध्य प्रदेश की प्रथम महिला मुख्य सचिव निर्मला बुच थीं।
मध्य प्रदेश का राजकीय पशु बारहसिंघा, राजकीय पक्षी दूधराज पक्षी है जिसे सुल्ताना बुलबुल के नाम से भी जाना जाता है।, राजकीय फूल सफ़ेद लिली और राजकीय वृक्ष बरगद है।
मध्य प्रदेश सोयाबीन, चना, उड़द, तुअर, मसूर, अलसी के उत्पादन में प्रथम स्थान पर है एवं मक्का, तिल, रामतिल, मूंग के उत्पादन में द्वितीय स्थान तथा गेहूं, ज्वार, जौ के उत्पादन में देश में तृतीय स्थान पर है।
1 अक्टूबर साल 2018 को टीकमगढ़ जिले की निवाड़ी तहसील को मध्य प्रदेश का 52वां जिला घोषित किया गया था। निवाड़ी जिले के ओरछा में रामायण कला संग्रहालय बना हुआ है।
मध्य प्रदेश का इंदौर शहर भारत का सबसे स्वच्छ शहर है।
मध्य प्रदेश के प्रतीक चिन्ह :
मध्य प्रदेश का राजकीय वृक्ष बरगद है।
मध्य प्रदेश का राजकीय फूल सफ़ेद लिली है।
मध्य प्रदेश का राजकीय जानवर बारहसिंघा है।
मध्य प्रदेश का राजकीय पक्षी दूधराज पक्षी (सुल्ताना बुलबुल )है।
मध्य
प्रदेश में क्या प्रसिद्ध है ? :
मध्य प्रदेश भारतीय संस्कृतियों की धरोहरों से भरा हुआ है। यहाँ प्राचीन गुफाओं से लेकर प्राचीन मंदिर, झरने आदि बहुत कुछ है।
उज्जैन (म.प्र.) में स्थित महाकालेश्वर मंदिर भारत का एकमात्र दक्षिण मुखी शिवलिंग है। जो क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है। कहा जाता है कि महाकाल की इस नगरी में किसी भी राजा को रात रुकने की इज़ाज़त नहीं होती है। महाकालेश्वर मंदिर के बाहर बहुत ही भव्य महाकाल लोक प्रांगन का निर्माण किया गया है। जो यहाँ का प्रमुख दार्शनिक स्थल है।
मध्य प्रदेश में खजुराहो मंदिर पुरे विश्व में प्रसिद्ध है। इस मन्दिर को कामसूत्र मंदिर भी कहा जाता है। यह मंदिर शिव जी को समर्पित है। खजुराहो यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर में शामिल किया जाने वाला मध्य प्रदेश का प्रथम स्थल है।
मध्य प्रदेश के ओरछा में स्थित किला बहुत प्रसिद्ध है। यहाँ किले के पास राम जी का मंदिर बना हुआ है जहाँ भगवान् श्री राम जी को राजा के रूप में पूजा जाता है। यहाँ जब आरती होती है तो सबसे पहले एक सिपाही आकर अपनी बन्दूक से सलामी देता है।
दक्षिण विजय के समय 1344 ईसवी में धार के किले का निर्माण मोहम्मद बिन तुगलक ने करवाया था। इस किले में खरबूजा महल भी स्थित है।
मध्य प्रदेश की भीमबेटका की 600 गुफाएं भारत की सबसे प्राचीनतम गुफाओं का संग्रह है।
मध्य प्रदेश में खंडवा जिले के पास एवं नर्मदा नदी पर इंदिरा सागर बांध के बैकवाटर में, हनुवंतिया नाम का एक द्वीप है। हर साल, इसी हनुवंतिया द्वीप पर भारत का एकमात्र और सबसे बड़ा वाटर कार्निवल, जल महोत्सव आयोजित किया जाता है।
मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में सांची का स्तूप स्थित है। इसका निर्माण सम्राट अशोक ने करवाया था एवं तोरण द्वार का निर्माण पुष्यमित्र शुंग द्वारा किया गया। सांची स्तूप को 1989 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया।
मध्य प्रदेश के सतना जिले की त्रिकुटा पहाड़ी पर प्रसिद्ध मैहर माता का मंदिर स्थित है। जोकि पूरे भारत में बहुत प्रसिद्ध है। यहाँ दूर दूर से लोग माता रानी के दर्शन करने आते हैं।
11वीं शताब्दी में प्रतिहार नरेश कीर्ति पाल ने चंदेरी के किले का निर्माण कराया था। इस किले में जौहर कुंड, हवा महल, नौखंडा महल प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल हैं।
ग्वालियर किले का तेली का मंदिर द्राविड शैली में बनाया गया है जोकि उत्तर भारत में द्राविड शैली में बना एकमात्र मंदिर है। किले का निर्माण महाराजा सूरज सेन ने करवाया था। इसे किलों का मणि तथा भारत का जिब्राल्टर भी कहा जाता है। ग्वालियर के किले में चतुर्भुज मंदिर, गूजरी महल, सास बहू का मंदिर, मान मंदिर, विष्णु मंदिर आदि प्रसिद्ध दार्शनिक स्थल हैं।
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