आचार्य चाणक्य का कहना है की छोटी सी विपत्ति को भी छोटा नहीं समझना चाहिए। छोटी सी विपत्ति भी बड़ा रूप ले सकती है और आपको बड़ी हानि पहुंचा सकती है।
चाणक्य नीति
छोटे से छोटा नशा भी आपको एक बड़ी विपत्ति में डाल सकता है।
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चोरों का कभी विश्वास नहीं करना चाहिए चाहे वह आपका सबसे खास संबंधी ही क्यों ना हो। चोर वह होता है जो आपकी इच्छा के विरुद्ध आपकी किसी वस्तु का अपहरण करता है।
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मनुष्य को जीवन पर्यंत धर्म और सत्य का आचरण करते हुए अपने जीवन में उपयोगी वस्तुओं का और धन का संग्रह करते रहना चाहिए।
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जिसके पास धन नहीं होता है वह व्यक्ति अपने सगे संबंधियों के बीच सम्मान का जीवन नहीं बिता पाता है।
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इस समाज में धनवान व्यक्ति हर जगह सम्मानित होता है। धनवान व्यक्ति की बात लोग बड़े गौर से सुनते हैं। उसे हर जगह प्राथमिकता प्राप्त होती है।
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इस संसार में दरिद्रता एक कलंक के समान है। दरिद्रता के कारण मनुष्य का जीवन मृत व्यक्ति के समान हो जाता है।
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इस समाज में एक धनवान व्यक्ति यदि कुरूप भी है तो उसे सुंदर मान लिया जाता है।
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एक चतुर व्यक्ति को अपना जीवन यापन करने के लिए आजीविका चलाने के लिए किसी प्रकार का भय नहीं होता है।
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जो ब्राह्मण धन प्राप्ति के लिए ही लोगों को ज्ञान देता है और जो ब्राह्मण शुद्र के अधीन होकर भोजन प्राप्त करता है वह विषहीन सर्प के समान असमर्थ ही होता है।
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